काठमांडू घाटी में सबसे ज्यादा 48 लोगों की मौत हुई है, जबकि 45 घायल हुए हैं। झयाप्ले नदी में भूस्खलन के कारण काठमांडो में प्रवेश व निकासी अवरुद्ध हो गई है।
नेपाल की भारी बारिश भारत में भी कहर बरपा रही है। बाढ़ के कारण जहां नेपाल में 170 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं नदियां उफनाने के बाद इसका असर बिहार में भी दिख रहा है। बैराजों के गेट खोलने पड़े हैं, जिससे गंगा, कोसी, गंडक, समेत कई नदियां उफान पर हैं। 26 जिलों में बाढ़ का कहर है।
भारी बारिश, बाढ़ व भूस्खलन के कारण नेपाल में दो दिन में 170 लोगों की मौत हो गई, जबकि 55 लापता हैं। मृतकों में एक बस में सवार 19 लोग व प्रशिक्षण शिविर में मौजूद छह फुटबॉल खिलाड़ी शामिल हैं। नेपाल सरकार ने तीन दिनों तक स्कूलों में छुट्टी के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग ने मंगलवार तक वर्षा जारी रहने के अनुमान लगाया है।
सशस्त्र पुलिस बल के अनुसार, तेज बारिश के कारण पूर्वी व मध्य नेपाल का बड़ा हिस्सा शुक्रवार से जलमग्न है। कई राजमार्ग व सड़कें अवरुद्ध हैं। कम से कम 322 मकान व 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राहत व बचाव कार्य में हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं। 3,661 लोगों को बचाया गया है। राहत कार्य के दौरान 101 लोग घायल भी हुए हैं।
काठमांडू में नहीं आई ऐसी बाढ़
इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलेपमेंट में जलवायु एवं पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्ता श्रेष्ठ ने कहा, मैंने काठमांडो में पहले कभी ऐसी बाढ़ नहीं देखी। मौसम विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि काठमांडो की मुख्य नदी बागमती मूसलाधार बारिश के बाद से खतरे के निशान से सात फुट ऊपर बह रही है।
भूस्खलन से 6 फुटबॉल खिलाड़ियों की मौत
काठमांडो के पास स्थित धादिंग जिले में शनिवार को एक बस के भूस्खलन की चपेट में आने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। भक्तापुर शहर में भूस्खलन में एक मकान ढहने से पांच लोग मारे गए। मकवानपुर में 6 फुटबॉल खिलाड़ियों की जान चली गई।बिहार : कोसी-गंडक नदी का रौद्र रूप, 30 लाख प्रभावित
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