सर्जिकल स्ट्राइक के आठ साल हुए पूरे
उरी में आतंकियों ने किया था हमला
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना का एक कैंप था। इसी कैंप में आतंकवादियों ने हमला करने की साजिश रची। हमला सुबह सूरज निकलने से ठीक पहले किया गया, जब जवान नींद में थे। जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकी 18 सितंबर 2016 उरी स्थित इंडियन आर्मी कैंप में घुसे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। सोए हुए जवानों के टेंटों में आग लगा दी गई। ये हमला घात लगाकर किया गया, इसलिए जवानों को बचने का मौका नहीं मिला। इस हमले में भारत के 18 जवान शहीद हो गए। इसके बाद वहां मौजूद स्पेशल फोर्सेस ने चारों आतंकियों को मार गिराया था।
सेना ने उरी हमले का लिया बदला
उरी की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लोग मांग करने लगे कि आतंकियों को सबक सिखाया जाना चाहिए। वहीं, पाकिस्तान ये मानने को तैयार नहीं था कि उसके सरपरस्त आतंकियों ने ये कायरतापूर्ण हरकत की है। इस दौरान सरकार की ओर से कुछ नहीं कहा गया, लेकिन पर्दे के पीछे बदला लेने की पूरी स्क्रिप्ट लिखी जा रही थी। किसी को भी इसकी कोई भी भनक नहीं लगी। इस पूरे ऑपरेशन के लिए आतंकी ठिकानों की पहचान की गई। फिर तय हुआ कि हमला कहां करना है और कहां आतंकी कैंप मौजूद हैं। इसके बाद 28 सितंबर 2016 की देर रात भारत के पैरा कमांडो का एक दल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में दाखिल हुआ। करीब 3KM अंदर घुसने के बाद भारतीय सेना के जवानों ने अपना ये स्पेशल ऑपरेशन शुरू किया।
50 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया
जवानों ने PoK में मौजूद तमाम आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी सेना को जरा भी भनक नहीं लग पाई। जैसे ही पाकिस्तान को इसकी भनक लगी, उसने अपने फाइटर जेट्स को सीमा पर भेजा, लेकिन भारतीय सेना अपना काम तमाम कर वापस लौट चुकी थी। पाकिस्तान के हाथ कुछ भी नहीं लगा। इस पूरे हमले में करीब 50 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया गया। इस ऑपरेशन को “सर्जिकल स्ट्राइक” का नाम दिया गया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को देश के सामने रखा और देशवासियों ने जश्न मनाया ।
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