बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के कारण 25 सितंबर को रायपुर और सरगुजा संभाग के जिलों में बारिश होगी। 26 सितंबर को सिर्फ उत्तरी छत्तीसगढ़ में मानसून की गतिविधियां तेज रहेंगी और बारिश होगी। 27 से बारिश की गतिविधियां कम होंगी। इसी के साथ अब मानसून की विदा.प्रदेश में समुद्र से आ रही नमी के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के दक्षिण और मध्य हिस्से में बारिश हुई। कोमाखान में सबसे ज्यादा 50 मिमी पानी गिरा।
बागबाहरा, आरंग, सोनाखान में 40, कवर्धा, महासमुंद, कुंडा, पलारी, लैलूंगा, पखांजूर, नवागढ़, दुर्गकोंदल, अभनपुर में 30, कटेकल्याण, खड़गांव, पिथौरा, कोंटा, कसडोल, छुरा, बसना, गोबरानवापारा, दरभा, मानपुर, बेलरगांव सहित अधिकांश स्थानों पर 20 मिमी और उससे कम बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून की सक्रियता मुख्य रूप से बस्तर, रायपुर संभाग में रही।बुधवार को मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ में वर्षा की गतिविधियां तेज रहेंगी।
उत्तरी आंध्रप्रदेश और दक्षिणी ओडिशा से लगे हुए बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह 27 सितंबर से कमजोर होने लगेगा। इससे बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी। प्रदेश में आसमान साफ होने लगेगा।मानसून की विदाई यानी उत्तर और उत्तर-पूर्वी हवा का प्रभाव शुरू होना है। जैसे-जैसे इस ओर से आने वाली हवा आगे बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे दक्षिण-पश्चिम हवा का प्रभाव खत्म होने लगेगा। यही मानसून की विदाई है।
छत्तीसगढ़ से 20 अक्टूबर के बाद ही मानसून की विदाई हो सकती है। वैसे दक्षिण-बस्तर से मानसून की विदाई की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। पिछले कुछ वर्षों से मानसून 20 से 28 अक्टूबर के बीच ही विदा हो रहा है।बारिश नहीं, तो भी 3.50% वर्षा प्रदेश में 1175.9 मिमी बारिश हो चुकी है। 24 सितंबर तक की स्थिति में यह औसत से 5 फीसदी ज्यादा है।
मानसून सीजनल औसत (1139.4) मिमी से 3.50 फीसदी ज्यादा है। अब अगले छह दिनों में बारिश नहीं भी होती है तो भी इस साल की बारिश सीजनल औसत से साढ़े तीन फीसदी ज्यादा ही रहेगी। हालांकि अगले दो दिनों में मध्य और उत्तरी छत्तीसगढ़ में तेज बारिश के आसार हैं।