बिलासपुर पटवारियों ने 9 सूत्रीय मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। इन 9 सूत्रीय मांगों को लेकर पटवारी महासंघ का कहना है कि सरकार ने वादा किया था कि जल्द उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। हड़ताल पर बैठे पटवारियों का कहना है कि यह सरकार का विरोध नहीं, बल्कि किए गए वायदे को याद दिलाने के लिए है।
सरकार उनकी मांगों पर जैसे ही मुहर लगा देगी, वे अपने काम पर लौट जाएंगे।
यह हैं प्रमुख मांगे –
1. भुइयां की समस्या दूर करते हुए समाधान की मांग
2. जिनकी उम्र 45 साल या सेवाकाल 20 वर्ष से अधिक हो चुका हो, उन्हें राजस्व निरीक्षक पद पर पदोन्नति किया जाए।
3. विभागीय जांच पूर्ण न हो तब तक किसी भी पटवारी पर एफआईआर दर्ज न हों।
4. महंगाई को देखते हुये फिक्स टीए 1000 प्रतिमाह किया जाए।
5. स्टेशनरी भत्ता 1000 प्रति माह किया जाए और इसे प्रति वर्ष बढ़ाया जाए। साथ ही कार्य संपादन करने के लिये कार्यालय किराया दिया जाए
6. नक्सल प्रभावित जिलों में पटवारियों को नक्सली भत्ता प्रदान किया जाए।
7 मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त हो।
8.अतिरिक्त हल्के के प्रभार के लिये पटवारियों के मूल वेतन का 50 प्रतिशत राशि भत्ता दिया जाये
9 वेतन विसंगति दूर किया जाये।
चल रही है धान खरीदी
प्रदेश के पटवारियों का इस तरह से आंदोलन करना बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है। प्रदेश में धान खरीदी जारी है, जिसमें पटवारियों का कार्य पर बने रहना अति आवश्यक है। उनके नहीं होने से एक तरफ जहां किसानों को बड़ी दिक्कत पेश आ रही है, तो दूसरी तरफ सरकार को भी काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
आक्रोशित हो रहे किसान
पटवारियों के अचानक हड़ताल पर चले जाने से सबसे ज्यादा परेशान किसान हो रहे हैं। प्रदेश में मौसम का उतार-चढ़ाव किसानों की समस्याओं को और ज्यादा बढ़ाने वाला है। किसान जल्द से जल्द अपना धान बेचना चाहते हैं, तो उतनी ही देरी हो रही है, जिसके चलते किसानों का गुस्सा फूटने लगा है। किसानों का कहना है कि इससे पहले कभी इतना परेशान नहीं होना पड़ा था। किसानों का कहना है कि ऐन धान खरीदी के समय उनका पंजीयन नहीं हो पा रहा है।
Editor In Chief