सारंगढ़। हाईकोर्ट ने सारंगढ़ जिले में नगर पंचायत सरसींवा की कार्यवाहक समिति को रद्द करने का महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस समिति का गठन नई सरकार के आने के बाद नगर पंचायत के संचालन के लिए किया गया था, जिसे ग्राम पंचायत सरसींवा के सरपंच नीतीश बंजारे और ग्राम पंचायत पवनी के सरपंच महेंद्र श्रीवास ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
मामले का पृष्ठभूमि:
यह मामला बिलाईगढ़ विकासखंड से जुड़ा हुआ है, जहां पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा ग्राम पंचायत सरसींवा और ग्राम पंचायत पवनी को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था। इसके बाद जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई, तो नगर पंचायत के संचालन के लिए एक कार्यवाहक समिति का गठन किया गया, जिसे राजपत्र में भी प्रकाशित किया गया था। इस समिति के गठन के खिलाफ सरसींवा और पवनी के सरपंचों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
हाईकोर्ट का फैसला:
हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक समिति को रद्द करने का निर्णय लिया। सरपंच नीतीश बंजारे और महेंद्र श्रीवास ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे लोकतंत्र की जीत बताया। उन्होंने कहा, “हम उच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं और यह निर्णय जनता के हित में है।”
यह फैसला छत्तीसगढ़ के स्थानीय प्रशासनिक ढांचे में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है और भविष्य में ऐसी समितियों के गठन पर भी प्रभाव डाल सकता है।
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