रायपुर। राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि, और ज्ञानवापी मंदिर के मामलों में हिंदू पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने देश में सनातन बोर्ड के गठन की जरूरत पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक स्थलों जैसे कुतुब मीनार और ताजमहल की भूमि पर पहले मंदिर हुआ करते थे, जिन्हें जबरदस्ती कब्जा करके मस्जिदों में बदल दिया गया। इस तरह के मुद्दों पर उन्होंने सनातन धर्म की पुनर्स्थापना की बात की है।
विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सरकार के नियंत्रण में आने वाले सभी मंदिरों को मुक्त किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि ये मंदिर राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक हैं और उन्हें उनके मूल स्वरूप में वापस लाने की जरूरत है। राजधानी रायपुर में आयोजित ‘राष्ट्रीय गौरव का पुनर्जागरण’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे जैन ने इस बात पर भी जोर दिया कि 22 जनवरी जैसा महत्वपूर्ण दिन फिर से काशी और मथुरा में वापस आएगा, जो कि हिंदू धर्म के लिए महत्वपूर्ण घटनाक्रम होगा।
इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिंदू पर्सनल लॉ बोर्ड का गठन कर सकती है और इस पर कोई कानूनी अड़चन नहीं है। विष्णु शंकर जैन का मानना है कि ऐसे बोर्ड का गठन सनातन धर्म के अनुयायियों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक है।
कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा और उसके पुनर्जागरण पर जोर दिया। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि यह समय है कि देश अपने गौरवशाली इतिहास और धार्मिक धरोहरों को पुनर्जीवित करे और इसे अगली पीढ़ी के लिए संरक्षित करे।