कोलकाता में डाक्टर से दुष्कर्म की घटना सामने आने के बाद जिला प्रशासन अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गई है।

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर। जिले के शासकीय और निजी अस्पतालों की पुख्ता सुरक्षा के लिए पुलिस की टीम रात्रि गश्त के दौरान निरीक्षण करेगी। इस दौरान जवान अस्पताल में मौजूद रजिस्टर में अपनी आमद भी दर्ज करेंगे। इस संबंध में सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा जहां पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं है वहां जिला प्रशासन की ओर से निजी कंपनी के सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। इस दौरान शासकीय अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज व हॉस्टल में सुरक्षा उपायों पर चर्चा में सभी के द्वारा सीसीटीवी कैमरा एवं सुरक्षागार्ड लगाया जाना बताया गया।

निजी कंपनी के सुरक्षा कर्मियों का पुलिस वैरिफिकेशन अनिवार्य
एसपी ने कहा कि जिन सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं है वहां पर जीवनदीप समिति व जिला प्रशासन के सहयोग से निजी कंपनी के सुरक्षा गार्ड रखे जाए। कई बार निजी कंपनी के सुरक्षाकर्मियों की संलिप्ता अपराधिक गतिविधियों में पाई गई है। इसके लिए सुरक्षा कर्मियों का पुलिस वैरिफिकेशन अनिवार्य है। बैठक के दौरान निजी अस्पतालों व नर्सिंग कालेज के साथ ही डेंटल कालेज की सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा कर पर्याप्त उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में रहे मौजूद
इस बैठक में एएसपी उमेश कुमार, सीएसपी उमेश गुप्ता, पूजा कुमार, एसडीएम पियुष कुमार, डीएसपी मंजूलता केरकेट्टा, आरआइ भूपेन्द्र गुप्ता समेत पुलिस के अधिकारी व सिम्स के डा रविकांत दास, डा समीर कुमार पैकरा, आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डा रक्षपाल गुप्ता समेत निजी अस्पतालों के डाक्टर और प्रबंधन के लोग मौजूद रहे।इन बिंदुओं पर हुई चर्चा शासकीय अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज व हॉस्टल में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा एवं सुरक्षागार्ड लगाए जाने चर्चा की गई।

संवेदशील स्थानों एवं क्षेत्रों में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था
संवेदशील स्थानों एवं क्षेत्रों में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था व गार्ड लगाने कहा गया। इसके लिए स्थानीय प्रशासन की मदद ली जाए।सीएचसी एवं पीएचसी में गार्ड की व्यवस्था नहीं होने की बात सामने आई। इसके लिए जीवनदीप समिति या जिला प्रशासन द्वारा अन्य मद से निजी सुरक्षागार्ड हेतु प्रस्ताव तैयार करने कहा गया।रात्रि गश्त में लगने वाले अधिकारियों को सभी मेडिकल कॉलेज सीएचसी, पीएचसी जिला अस्पताल, नर्सिंग कॉलेज आदि चिकित्सा संस्थाओं में पेट्रोलिंग करने एवं उपस्थित स्टाफ से खैरियत रिपोर्ट लेने कहा गया। सभी संस्थानों में इसके लिए एक-एक रजिस्टर संधारित करने निर्देश दिए गए।

डायल 112
आपात स्थिति में डायल 112 का उपयोग करने एवं नजदीकी थाना, पुलिस कंट्रोल रूम, थाना प्रभारी, एसडीओपी, सीएसपी व अन्य अधिकारियों, पेट्रोलिंग स्टाफ का मोबाईल नंबर अपने संस्थान में चिपकाने कहा गया है।हॉस्टल में रहने बालें विद्यार्थियों को अनुशासित रखा जाए। अनावश्यक रूप से अधिक देर रात्रि तक बाहर भ्रमण करने की इजाजत नहीं देने के निर्देश प्रबंधन को दिए गए हैं।हॉस्टल एवं संस्थान परिसर में नशा करके प्रवेश करने की अनुमति ना दे। ऐसी स्थिति में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करें एवम् आवश्यकतानुसार पुलिस को सूचना दे।

सीएचसी एवं पीएचसी मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज के आसपास पान ठेला इत्यादि के कारण असामाजिक तत्व के इकट्ठा होते हैं। इससे यातायात बाधित होती है। एसपी ने नगर निगम पंचायत के माध्यम से उन्हें वैधानिक रूप से विस्थापित करने की बात कही।

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