उड़ा रहे नियमों की धज्जियां, न पार्किंग लाइट और न ही रेडियम रिफ्लेक्टर का इस्तेमाल कर रहे चालक, सात माह में 62 लोगो ने गंवाई जान

राजेन्द्र देवांगन
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दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण नेशनल हाइवे में बेतकीब खडी भारी वाहन हैं बिना इंडीकेटर या रेडिंयम रिफ्लेक्टर लगाए बिना ही वाहन को सड़क पर खडा कर देते हैं, जिसकी वजह से दूर से लोगों को भारी वाहन दिखाई नहीं देता और पास जाने पर जब वाहन समझ में आता है। तब तक वाहन की रफ्तार पर चालक अपना नियंत्रण खो देता है।

बिलासपुर। नेशनल हाईवे पर रफ्तार लगातार लोगों की जिंदगी छिन रहा है। जनवरी से जुलाई तक सात माह का आंकडे देखें तो 62 लोगों की मौत खड़े वाहनों से टकराकर हुई है। हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष दुर्घटना के ग्राफ में मामूली सी कमी आई है। मौत का आंकड़ा भी कम हुआ है। अधिकारियों की मानें तो दुर्घटना में कमी लाने लगातार प्रयास किया जा रहा है।सड़क हादसे में मौत के बढ़ते आंकडों को लेकर हाई कोर्ट ने भी चिंता जताते हुए दुर्घटना की रोकथाम के प्रयासों की जानकारी ले रहा है।

हाई कोर्ट का दखल
हाई कोर्ट के दखल का ही असर है कि पिछले साल जुलाई माह की अपेक्षा दुर्घटना के ग्राफ में कमी आई हैं, तो वहीं मौत के आंकड़े भी कम हो गए हैं। जिला सेफ्टी सेल के साथ मिलकर गठित की गई अन्य विभाग की टीम लगातार जिन जगहों पर सर्वाधिक सड़क हादसे हो रहे हैं वहां पर सुरक्षात्मक उपाय कर दुर्घटना की रोकथाम हो सके इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे है।
वर्ष 2023 में जनवरी से जुलाई तक
  • दुर्घटना 199
  • मौत 81
  • घायल 189
वर्ष 2024 जनवरी से जुलाई तक
  • दुर्घटना 185
  • मौत 62
  • घायल 178
वर्जन
दुर्घटना की रोकथाम हो सके इसके लिए यातायात विभाग लगातार काम कर रहा है। हाईवे पेट्रोलिंग व थानों की पेट्रोलिंग द्वारा बेतरकीब भारी वाहनों को सड़क पर खडी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। नेशनल हाईवे में कैम्प लगाकर लोगों को नशे की हालत में वाहन न चलाने की समझाइश व धीरे वाहन चलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
नीरज चंद्राकर, एएसपी शहर
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