बृजमोहन के इस्तीफे के बाद सीट हुई रिक्त, भाजपा में दावेदारों की होड़, रायपुर दक्षिण सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में कांग्रेस

राजेन्द्र देवांगन
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रायपुर। चुनाव आयोग आज जम्‍मू कश्‍मीर, हरियाणा विधानसभा चुनाव के साथ उपचुनाव के तारीखों की घोषणा कर सकता है। इसी बीच सभी की नजरें छत्‍तीसगढ़ की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव पर भी रहेंगी। माना जा रहा है कि जम्‍मू कश्‍मीर, हरियाणा विधानसभा चुनाव के साथ छत्‍तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख की घोषणा भी की जा सकती है।

छत्‍तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। बतादें कि भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल के सांसद का चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हुई है। बृजमोहन ने रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से लगातार जीत दर्ज की है। सांसद बनने से पहले बृजमोहन अग्रवाल छत्‍तीसगढ़ की साय सरकार में स्‍कूल शिक्षा मंत्री थे।

रायपुर दक्षिण विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज

इधर, रायपुर दक्षिण विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। 2008 में अस्तित्व में आने के बाद से ही लगातार यहां से सांसद बन चुके बृजमोहन अग्रवाल को टिकट दिया जाता रहा और वे लगातार यहां से जीत हासिल करते रहे।

सांसद बनने के बाद बृजमोहन ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद यह सीट अभी रिक्‍त हो गई है, ऐसे में अब भाजपा में इस सीट से दावेदारों की होड़ सी लग गई है। अब तक तकरीबन दर्जन से ज्यादा भाजपा के वरिष्ठ नेता अपनी-अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं।naidunia_image

इस सीट के लिए कांग्रेसी नेताओं ने ठोकी दावेदारी

कुछ इसी तरह का हाल कांग्रेस में भी बनते हुए दिखाई दे रहे हैं। बृजमोहन के बाद अब कांग्रेस इस सीट को हथियाने के सपने संजो रही है। साथ ही बृजमोहन से मुंह की खाने वाले प्रत्याशी से लेकर नए लोगों ने भी अपनी दावेदारी ठोकने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

भाजपा का गढ़ रही रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर पार्टी यहां बृजमोहन की तरह ही ऐसे प्रत्याशी की तलाश में जुटी है, जो कि अगले 20 से 25 वर्षों तक दक्षिण की कमान संभाल सके और इस सीट पर भाजपा का कब्‍जे बना रहा। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा इस सीट परइस बार किसी युवा चेहरे पर दांव खेल सकती है।

ये हो सकते हैं दावेदार

भाजपा की ओर से संगठन में रहे केदार गुप्ता, संजय श्रीवास्तव, अवधेश जैन और नंदन जैन के नाम लोगों के अलावा संगठन के बीच चर्चा में चल रहे हैं। इसके अलावा पार्षदों में भी दावेदारी की होड़ सी मची हुई है। जिसमें मीनल चौबे, मृत्युंजय दुबे, मनोज वर्मा सहित आधा दर्जन से ज्यादा पार्षद शामिल हैं।

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