छत्तीसगढ़,अंतागढ़,कांकेर : छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर जिले में जिला मुख्यालय कांकेर से लगभग 85 किलोमीटर तथा अंतागढ़ ब्लाक से करीब 17 किलोमीटर दूर आमाबेड़ा के रास्ते पर जोगी नदी पर चर्रे-मर्रे जलप्रपात नमक छत्तीसगढ़ का एक बेहद ही खूबसूरत जलप्रपात स्थित है। इस झरने का मुख्य स्रोत जोगीधारा नदी है, जो की मटला घाटी में बहती है जिसे स्थानीय लोगों के द्वारा अंतागढ़ नदी अथवा कुत्री नदी के नाम से भी जाना जाता है। जलप्रपात का गिरता हुआ पानी अलग-अलग कुंडों के रूप में इकट्ठा होते हुए दक्षिण दिशा में लंबी दुरी तय कर कोटरी नदी में मिलती है।
छत्तीसगढ़ राज्य में घूमने के लिए चर्रे मारे जलप्रपात एक ताजगी देने वाली और स्थानीय इलाकों से हटकर जगह है। टेढ़ा-मेढ़ा झरना 16 मीटर ऊंचा है और इतनी ऊंचाई से गिरता साफ पानी देखने लायक है। भरपूर और प्राचीन जोगीधारा नदी इस मंत्रमुग्ध कर देने वाले और बुदबुदाते जलप्रपात के जन्म का कारण है। पानी पहाड़ियों और हरे-भरे पेड़ों से होकर बहता है जो कानों को भाने वाली आवाजें पैदा करता है। झरने के तल पर बनने वाला जलाशय डुबकी लगाने के लिए एकदम सही है। ठंडा पानी आपकी आत्मा और शरीर को फिर से जीवंत कर देगा। आप नीचे बने छोटे तालाब में भी पैर रख सकते हैं और इस जगह की सुरम्य सुंदरता का आनंद लेते हुए कुछ शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।
चर्रे – मर्रे नमक इस जलप्रपात की खासियत : बस्तर जिले के सभी जिलों में कई झरने स्थित है। जगदलपुर में चित्रकोट,तीरथगढ़ तो दंतेवाड़ा में हांदावाड़ा तथा फूलपाड़ जैसे कई बड़े बड़े झरने स्थित है। नारायणपुर जहां अपनी अबूझमाड़ियां संस्कृति के लिये पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है वहीं नारायणपुर प्राकृतिक दृश्यों से भी संपन्न है। नारायणपुर में कई झरने स्थित है जो की आज भी पर्यटकों की नजरों से ओझल है।
इस जलप्रपात की खासियत यह है कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ यह सुधार झरना पर्यटकों को साल भर आकर्षित करता है। यह झरना ज्यादा उंचा तो नही है परन्तु उबड खाबड चटटानों से नदी का गिरता पानी दार्शनिको का मन मोहित कर लेता है। आसपास की हरितिमा नयनाभिराम का एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है।
पिकनिक स्पॉट : विशाल प्राकृतिक संपदा से भरपूर यह जलप्राप्त यह का एक प्रमुख पिकनिक स्पॉट भी है। जहां अक्सर लोग छुट्टियों पर पिकनिक बनने आया करते है, लगभग साल भर पानी की सुविधा होने के चलते यहां पिकनिक मानने के लिए हर चीज आसानी से मिल जाया करता है, जिसके कारण काफी लोग यहां पिकनिक के लिए आया करते है। और बड़ी संख्या में दूर दूर से लोग इस जगह पर आते है और प्राकृतिक संपदा को देख कर मंत्रमुग्ध हो जाते है। यह लोगो के मन को शांत और हर्ष प्रदान करता है।
चर्रे-मर्रे जलप्रपात जाने का सबसे अच्छा समय : चर्रे-मर्रे जलप्रपात को देखने जाने हेतु सबसे अच्छा और उचित समय अक्टूबर से लेकर मई का महीना सबसे उचित है, हालाकि की यह अगर आप आना चाहे तो यह साल भर आपके लिए अच्छा ही प्रतीत होगा, लेकिन बारिश के दिनों में यहां पहुंचना थोड़ा दुर्लगल्भ होता है। इस बीच में झरने में पर्याप्त पानी होता है। दोस्तों एवं परिवार के साथ मनोरंजन तथा पिकनिक के लिए यह एक बहुत अच्छा जगह है।
चर्रे-मर्रे जलप्रपात कैसे पहुंचे :
चर्रे-मर्रे जलप्रपात कांकेर अथवा नारायणपुर से किसी भी निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है। कांकेर जिले से 85 किलोमीटर एवं अंतागढ़ ब्लाक से करीब 17 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है, जहां आप अपनी किसी भी साधनों से यहां पहुंच सकते है।