बिलासपुर। तारबाहर पुलिस ने एटीएम मशीन से पैसे चोरी करने वाले एक शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने एटीएम मशीन में पट्टी फंसा कर पैसे निकालने का अनोखा तरीका अपनाया था। आरोपी के कब्जे से नगद 33,000 रुपये, स्क्रूड्राइवर, और पट्टी बरामद की गई है। इस व्यक्ति के खिलाफ राजस्थान और नागपुर में कई अपराध दर्ज हैं।
तारबाहर पुलिस को 21 जुलाई की सुबह ट्रांजेक्शन सोल्यूशन्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के सुपरवाइजर से सूचना मिली कि व्यापार विहार स्थित एसबीआई एटीएम मशीन में पैसे नहीं निकल रहे हैं। जांच में पाया गया कि एटीएम का सटर डैमेज था। सीसीटीवी फुटेज देखने पर एक व्यक्ति एटीएम के सटर बॉक्स में स्क्रूड्राइवर से छेड़छाड़ करते और पट्टी लगाते देखा गया। इसी तरह की समस्या सत्यम चौक लिंक रोड एटीएम और गोल बाजार एटीएम में भी पाई गई। सूचना मिलते ही थाना तारबाहर पुलिस ने एक टीम बनाई और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान करने के लिए कार्रवाई शुरू की। जांच में पाया गया कि आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद रेलवे स्टेशन बिलासपुर में ट्रेन का इंतजार कर रहा था। पुलिस ने संदेह के आधार पर उसे हिरासत में लिया और पूछताछ की। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह वर्ष 2015 से अपने दोस्तों के साथ राजस्थान में एटीएम मशीन तोड़कर पैसे चुराने का काम कर रहा था। वह पहले भी गिरफ्तार हो चुका था और तीन साल जेल में रहा था। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने एक साथी से एटीएम में पट्टी फंसा कर पैसे निकालने की तरकीब सीखी और अब अकेले ही इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने लगा।
घटनाओं का विवरण:
आरोपी ने बताया कि वह दिनांक 19 जुलाई 2024 को उज्जैन से जबलपुर आया और फिर जबलपुर से ट्रेन में बैठकर 21 जुलाई 2024 को बिलासपुर पहुंचा। बिलासपुर में व्यापार विहार एटीएम, लिंक रोड सत्यम चौक एटीएम और गोल बाजार एटीएम से कुल 40,500 रुपये निकालने की कोशिश की। कुछ पैसे एटीएम में फंस गए और कुछ खर्च कर दिए। पुलिस ने उसके कब्जे से 33,000 रुपये नगद, स्क्रूड्राइवर और दो पट्टियाँ जप्त की।
ऐसे देता था घटना को अंजाम
आरोपी किसी अंजान शहर में जाकर रात में ट्रेन से सफर करता और सुबह वहाँ पहुँचता था। वह किसी होटल या लॉज में रुकता नहीं था और अपनी पहचान भी छुपाकर रखता था। वारदात करने के बाद तुरंत ट्रेन से शहर छोड़ देता था।
इस पूरे मामले की कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक गोपाल सतपथी, प्रआर 351 किशोर वानी और आरक्षक मुरली भर्गव, मोहन कोर्राम का विशेष योगदान रहा। आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है।