Success Story: पिता की हुई मौत, परीक्षा को बचे थे महज 15 दिन; IES Shruti Sharma ने ऐसे टॉप किया UPSC..!
नई दिल्ली -UPSC में सफलता हासिल करके देश की नौकरशाही का हिस्सा बनना कई लोगों का सपना होता है। हालांकि इस सपने को साकार करना इतना भी आसान नहीं है। आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी सुनाने जा रहे हैं UPSC की टॉपर श्रुति शर्मा की। श्रुति इस समय रक्षा मंत्रालय में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर हैं। उन्होंने 2016 में सफलता प्राप्त की थी। मगर श्रुति की जर्नी बिल्कुल आसान नहीं थी।
श्रुति ने चुना अलग रास्ता
श्रुति शर्मा का बचपन जॉइंट फैमिली में बीता है। बिजनेस बैकग्राउंड से ताल्लुक रखने वाली श्रुति के घर में पढ़ाई को कुछ खास तवज्जो नहीं दी जाती थी। उनके परिवार में पास होना टॉप करने के बराबर था। श्रुति ने अपनी जर्नी साझा करते हुए बताया कि पूरे परिवार में सिर्फ वही पढ़ने में अच्छी थीं। इसलिए श्रुति ने बिजनेस की बजाए नौकरी का रास्ता चुना।
कॉलेज में आई 5 बैक
स्कूल पूरा होने के बाद श्रुति ने इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले लिया। हालांकि कॉलेज के पहले साल में श्रुति 2 विषयों में फेल हो गईं और दूसरे साल में उनकी 3 विषयों में बैक आ गई। कॉलेज के आखिरी साल तक श्रुति की 5 विषयों में बैक लग चुकी थी। हालांकि उन्होंने पढ़ाई पर फिर से फोकस किया और स्नातक पूरा कर लिया।
गेट की परीक्षा पास की
2013 में श्रुति के पिता को लिवर संबंधित बीमारी हो गई, जिसका कोई इलाज नहीं था। श्रुति के पिता जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे। मगर श्रुति ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। तनाव और टेंशन के बावजूद श्रुति ने 2014 में गेट की परीक्षा पास की और 1000वीं रैंक हासिल कर ली।
पिता की गई याददाश्त
हालांकि श्रुति ने अच्छी रैंक लाने के लिए दोबारा एक साल का गैप लिया और पढ़ाई करती रहीं। गेट के साथ श्रुति ने UPSC की परीक्षा देने का मन बनाया। उधर उनके पिता की हालत दिन ब दिन बिगड़ती चली जा रही थी। परीक्षा के एक दिन पहले श्रुति के पिता की याददाश्त चली गई। हालांकि श्रुति ने हिम्मत नहीं हारी और वो परीक्षा देने गईं। 2015 की इस परीक्षा में श्रुति महज 2 नंबर से चूक गईं।
15 दिन में पास की परीक्षा
2016 में श्रुति ने परीश्रा में बैठने का सपना देखा। हालांकि इसी बीच श्रुति के पिता ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। परीक्षा में सिर्फ 15 दिन बाकी थे। ऐसे में श्रुति ने परीक्षा उत्तीर्ण करने में जी जान लगा दी। रात में 2 घंटे की नींद के अलावा श्रुति हमेशा पढ़ती रहती थीं। आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने दूसरे प्रयास में ही UPSC की परीक्षा पास कर ली।
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