रायपुर। आरंग में उत्तर प्रदेश के तीन मवेशी ट्रांसपोर्टरों की मौत के सिलसिले में मंगलवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही इस केस में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या अब 4 हो गई है. इस पूरी घटना को मृतकों के परिजनों ने मॉब लिंचिंग का कृत्य बताया है. पुलिस ने अभी तक उन घटनाओं पर प्रकाश नहीं डाला है, जिसके कारण 7 जून को ये हत्याएं हुईं।
महासमुंद निवासी दो आरोपी गिरफ्तार : आरंग थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह श्याम ने बताया, “मंगलवार को पुलिस ने इस केस में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.” जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किए हैं, वे दोनों महासमुंद निवासी नवीन सिंह ठाकुर और मयंक शर्मा हैं. आरंग पुलिस ने कहा कि ठाकुर ड्राइवर का काम करता है, जबकि मयंक माल ट्रांसपोर्टर है. इससे पहले पुलिस ने 22 जून और 23 जून को हर्ष मिश्रा और राजा अग्रवाल नामक दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था.
“सभी आरोपियों पर आईपीसी की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है.” – कीर्तन राठौर, ASP, रायपुर ग्रामीण
क्या है आरंग मॉब लिंचिंग केस?
यह घटना 7 जून को रायपुर-महासमुंद सीमा पर हुई थी. यूपी के सहारनपुर निवासी सद्दाम कुरैशी (23), उसके चचेरे भाई गुड्डू खान (35) और चांद मिया खान (23) छत्तीसगढ़ के महासमुंद से रायपुर में मवेशी लेकर जा रहे थे. इसी दौरान आरंग में महानदी नदी के पुल पर रोक लिया गया और उन पर भीड़ ने हमला किया. जिसके बाद पुलिस को तीनों पुल के नीचे पड़े मिले थे. दो की उसी दिन मौत हो गई, जबकि जीवित बचे एकमात्र चश्मदीद सद्दाम ने 18 जून को दम तोड़ दिया. जिसके बाद समुदाय विशेष ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी की. जिसके बाद पुलिस ने एसआईटी बनाकर आरोपियों की धर पकड़ शुरु की. पुलिस ने अब तक कुल 4 लोगों को पकड़ा है, जिन पर आरंग मॉब लिंचिंग में शामिल होने के आरोप
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