Delhi High Court Judgement: दिल्ली हाईकोर्ट कोर्ट का फैसला.. प्रेमी कर ले सुसाइड तो प्रेमिका को नहीं माना जाएगा जिम्मेदार, पढ़े क्या हैं टिप्पणी..!

राजेन्द्र देवांगन
4 Min Read

Delhi High Court Judgement: दिल्ली हाईकोर्ट कोर्ट का फैसला.. प्रेमी कर ले सुसाइड तो प्रेमिका को नहीं माना जाएगा जिम्मेदार, पढ़े क्या हैं टिप्पणी..!
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रेम में असफलता के कारण आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए पार्टनर जिम्मेदार नहीं है। कमजोर या दुर्बल मानसिकता वाले व्यक्ति द्वारा लिए गए गलत निर्णय के लिए किसी अन्य को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि यदि कोई प्रेमी प्रेम में असफलता के कारण आत्महत्या करता है, तो उसके साथी को आत्महत्या के लिए उकसाने वाला नहीं ठहराया जा सकता। अदालत ने मृतक की प्रेमिका रही एक युवकी व उसके साथी को अग्रिम जमानत देते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन पर एक युवक की आत्महत्या के बाद आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
न्यायमूर्ति अमित महाजन ने कहा इसी तरह यदि कोई छात्र परीक्षा में खराब प्रदर्शन के कारण आत्महत्या करता है या कोई मुवक्किल इसलिए आत्महत्या करता है क्योंकि उसका मामला अदालत ने खारिज कर दिया है तो परीक्षक या वकील को भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
उदाहरण देकर हाईकोर्ट ने समझाया
अदालत ने कहा यदि कोई प्रेमी प्रेम में असफलता के कारण आत्महत्या करता है यदि कोई छात्र परीक्षा में अपने खराब प्रदर्शन के कारण आत्महत्या करता है, यदि कोई ग्राहक आत्महत्या करता है क्योंकि उसका मामला खारिज कर दिया गया है, तो क्रमशः महिला, परीक्षक, वकील को उकसाने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता। आत्महत्या का कमजोर या दुर्बल मानसिकता वाले व्यक्ति द्वारा लिए गए गलत निर्णय के लिए किसी अन्य व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
प्रेमिका पर है उकसाने का आरोप
बताया जाता है कि महिला का मृत व्यक्ति के साथ संबंध था। जिसने दोनों आरोपियों को एक साथ देखने के बाद आत्महत्या कर ली। यह आरोप लगाया गया कि आरोपी ने मृतक को यह कहकर उकसाया कि वे शारीरिक संबंध बनाते हैं और जल्द ही शादी करेंगे। उन्होंने कथित तौर पर मृतक से यह भी कहा कि उसके पास मर्दानगी क्षमता नहीं है और उसे आत्महत्या कर लेनी चाहिए, अन्यथा वे उसकी तस्वीरों के साथ उसकी टूटी हुई कार की खिड़की की तस्वीरें जैसी नल्ली कार वैसा नल्ला शीर्षक के साथ अपलोड कर देंगे।
व्हाट्सएप चैट से सामने आई प्रेमी की हरकत
मामले पर विचार करने के बाद, न्यायमूर्ति महाजन ने पाया कि रिकॉर्ड पर रखी गई व्हाट्सएप चैट से पता चलता है कि मृतक एक संवेदनशील स्वभाव का व्यक्ति था, जो लगातार धमकी देता था कि जब भी महिला उससे बात करने से इनकार करती थी तो वह आत्महत्या कर लेगा।
मृतक ने सुसाइड नोट में आवेदकों का नाम लिखा था
यह सही है कि मृतक ने सुसाइड नोट में आवेदकों का नाम लिखा था लेकिन इस न्यायालय की राय में मृतक द्वारा लिखे गए कथित सुसाइड नोट में खतरों की प्रकृति के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है। अनुपात इतना कि एक ‘सामान्य व्यक्ति’ आत्महत्या के बारे में सोचने के लिए प्रेरित हो। यह आरोप कि आरोपी ने महिला के साथ अपने रोमांटिक रिश्ते की विफलता पर मृतक को चिढ़ाया था, इस तरह का उकसावा नहीं लगता है जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के संदर्भ में आत्महत्या के लिए उकसाने की श्रेणी में आएगा।

Share This Article