SBI ने चुनावी बॉन्ड्स से जुड़ी जानकारी चुनाव आयोग को भेजी, किस पार्टी को मिला कितना चंदा, 2 दिन में हो जाएगा खुलासा..!
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित डाटा भेज दिया है. मंगलवार शाम तक चुनाव आयोग को यह डाटा देने के लिए एसबीआई को देने के लिए कहा गया था. एसबीआई द्वारा यह चुनावी बॉन्ड्स की जानकारी चुनाव आयोग को सौंपने के बाद 2 दिनों में यह साफ हो जाएगा किस पार्टी को कितना चंदा मिला है.
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स की खरीद बिक्री से जुड़ी जानकारी भेज दी है. मिली जानकारी के मुताबिक, आंकड़े बुनियादी स्वरूप में हैं. यानी किसने कब कितने रुपए मूल्य के बॉन्ड्स किस पार्टी के पक्ष में खरीदे. हालांकि जानकारी बिल्कुल बुनियादी है यानी रॉ इन्फोर्मेशन है. उसे 15 मार्च तक तरतीब से अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना निर्वाचन आयोग के विशेषज्ञों के लिए भी चुनौती है.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को चुनावी बॉण्ड के विवरण 12 मार्च तक निर्वाचन आयोग को देने का आदेश दिया था और एसबीआई को चेतावनी दी कि इसके निर्देशों एवं समयसीमा का पालन करने में यदि वह नाकाम रहता है तो ‘जानबूझ कर अवज्ञा’ करने को लेकर अदालत उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने विवरण का खुलासा करने के लिए समयसीमा 30 जून तक बढ़ाने संबंधी एसबीआई की अर्जी खारिज कर दी. शीर्ष अदालत ने निर्वाचन आयोग को भी एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी 15 मार्च को शाम पांच बजे तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया था.
पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. इसी पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और चंदा प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था. लोकसभा चुनाव से पहले आए इस फैसले में न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड योजना को तत्काल बंद करने तथा इस योजना के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान (एसबीआई) को 12 अप्रैल, 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉण्ड का विस्तृत ब्योरा छह मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था.
किस नेता ने क्या कहा था?
विपक्षी नेताओं ने सोमवार को पारित शीर्ष अदालत के आदेश की सराहना की और कहा कि देश जल्द ही जान जाएगा कि किसने किस पार्टी को चुनावी बॉण्ड के जरिये चंदा दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले से, चुनावी बॉण्ड के जरिये भाजपा को चंदा देने वालों की सूची देश को जल्द पता चल जाएगी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी एसबीआई की अर्जी खारिज करने के कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरे देश की जनता को इस बात की खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से कम से कम वह सूची (चुनावी बॉण्ड से जुड़े लोगों की सूची) सामने आ जाएगी. इस सूची से यह पता लग जाएगा कि चुनावी बॉण्ड किन-किन लोगों से सम्बन्धित है.
कोर्ट ने एसबीआई की अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. अर्जी में, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए समयसीमा 30 जून तक बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया था. पीठ उन अलग-अलग याचिकाओं पर भी सुनवाई कर रही है, जिनमें शीर्ष अदालत के 15 फरवरी के निर्देशों की कथित तौर पर जानबूझ कर अवज्ञा करने का लेकर एसबीआई के खिलाफ अवमानना कार्रवाई का अनुरोध किया गया है.
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