MP: लोकायुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया को नेता प्रतिपक्ष ने बताया अवैध, CM को पत्र लिख अधिसूचना रद्द करने की मांग..!
मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सियासत गरमाई हुई है. लोकायुक्त न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह को राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है, लेकिन उनकी नियुक्ति को लेकर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सिंघार ने इसे सरकार की तानाशाही बताया है.
मध्य प्रदेश में नए लोकायुक्त के रूप में सत्येंद्र कुमार सिंह की नियुक्ति की गई है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया है कि इसमें नेता प्रतिपक्ष या विपक्ष की सहमति जरूरी होती है, लेकिन उनसे बिना पूछे ये निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा, “ये सरकार की तानाशाही है.”
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में एक पत्र लिखकर मोहन सरकार पर आरोप लगाया कि नए लोकायुक्त की नियुक्ति में उनसे सहमति नहीं ली गई. उमंग सिंघार ने नियुक्ति को असंवैधानिक बता दिया. उन्होंने कहा कि सरकार, नेता प्रतिपक्ष या विपक्ष से सहमति लेकर इस पर निर्णय ले.
उमंग सिंघार ने कहा, “मैंने मोहन यादव जी को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है. सरकार सिर्फ एक पत्र के माध्यम से स्वीकृति चाहती है. पैनल के अंदर मुझसे सहमति लेनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. ये तानाशाही वाला कदम है.”
उमंग सिंघार ने कहा, “लोकायुक्त के पद पर ऐसे व्यक्ति को बैठाना चाहिए जो विपक्ष और जनता की आवाज को सरकार के सामने रखे. प्रशासन और सरकार के बीच का एक पुल होता है, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगती है. उन्होंने कहा कि तत्काल लोकायुक्त की नियुक्ति समारोह को रोका जाए और नियुक्ति की संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जाए.”
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दावा किया कि लोकायुक्त, उप लोकायुक्त अधिनियम की धारा 3 (1) के अनुसार राज्यपाल को लोकायुक्त की नियुक्ति हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और नेता प्रतिपक्ष से परामर्श लेकर करना चाहिए. उन्होंने लोकायुक्त के नियुक्ति समारोह को रोकने की अपील की.
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