क्या लोकसभा चुनाव लड़ेंगी उमा भारती, खुद किया खुलासा? प्रज्ञा ठाकुर से क्यों मांगने लगीं क्षमा..!
लोकसभा चुनाव में बीजेपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि वे दो साल तक लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगीं. उमा भारती ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की बात 7 मार्च को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर संगठन को यह बात बता चुकी हूं. मैं दो साल चुनाव नहीं लड़ूंगी. उन्होंने कहा कि वीएचपी के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल के कारण रामलला की प्रतिष्ठा हो सकी है. उन्होंने कहा- कि इस चुनाव में नरेंद्र मोदी इतना बड़ा नाम कि तूफान आ जाएगा, बीजेपी इस चुनाव में 400 से ज्यादा सीटें जीतेगीक्या साध्वियों को किनारे किया जा रहा है? प्रज्ञा सिंह ठाकुर टिकट नहीं मिला,
इस पर उमा भारती ने कहा- “मैं तो बीच में हूं और नाव चला रही हूं. प्रज्ञा दीदी की जहां तक बात है, उन्होंने बहुत कुर्बानी दी है, उन्होंने बहुत यातनाएं झेली हैं. आज अगर हम सब लोग जेल में नहीं हैं तो उसकी वजह प्रज्ञा दीदी ही हैं. उन्हें जेल में बहुत टॉर्चर किया गया, बहुत यातनाएं झेली हैं. वो चाहते थे कि दो चार नाम ले लें. कि इनके नाम ले दो कि भगवा आतंकवाद की रचना कर रहे हैं.”
भगवा आतंक के सबसे बड़े वकील दिग्विजय सिंह थे: उमा
जिसमें एक नाम मेरा भी था, और कुछ बड़े महापुरुष थे. जिसके सबसे बड़े वकील दिग्विजय सिंह थे. उनको एक इल्युजन हो गया था. भगवा आतंकवाद का, जिसे वह सत्यता में बदल रहे थे. यहां कहां भगवा आतंकवाद है. प्राण प्रतिष्ठा हुआ तो क्या हुआ? दीदी मां यानि प्रज्ञा दीदी का टिकट कटा है, मैं उन्हें दीदी मां बोलती हूं, चरण छूती हूं. मैं उनको यही कहूंगी कि वह हम सबको क्षमा करें.
राम मंदिर को लेकर अशोक सिंहल अडिग रहे: उमा भारती
उमा भारती ने कहा- “अशोक सिंहल जी अपने निर्णय पर अडिग रहे कि राम मंदिर का निर्माण हो. मैं फिर ये बात कहूंगी कि उनकी अडिगता की वजह से मंदिर बना, क्योंकि एक बार सेट बैक आ गया था, जब 1999 में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बना था, जिसकी वजह से वैंकेया नायडू ने बयान दिया था कि हम गठबंधन के तौर पर नहीं, परंतु पार्टी के तौर पर राम मंदिर हमारे मेनिफेस्टो रहेगा. जब आप ऐसा प्रोग्राम बनाते हैं तो सभी सहयोगियों की सलाह से चलना पड़ता है. लेकिन बीजेपी के तौर पर राममंदिर था. इससे पहले 1996 और 1998 में हमारे मेनिफेस्टो में था.”
राहुल लोधी को लेकर उमा ने दी सफाई
इससे पहले जब बीजेपी ने मध्य प्रदेश की सीटों पर प्रत्याशियों के नाम नाम एनाउंस किए तो उमा भारती ने एक्स पर पोस्ट के जरिए कहा- “दमोह लोकसभा से राहुल लोधी जी को भाजपा का टिकट मिलने से मुझे बहुत खुशी हुई, किन्तु यह मेरे बड़े भाई के बेटे राहुल नहीं हैं, इनसे तो मेरे भाई के परिवार का कोई रिश्ता भी नहीं है. किन्तु यह राहुल लोधी भी मुझे अपने बड़े भाई के बेटे राहुल की ही तरह प्रिय हैं. दमोह के श्री राहुल लोधी कांग्रेस से विधायक बने थे फिर यह बीजेपी में लाये गए और अब यह लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, यह दमोह से प्रचंड मतों से जीतेंगे, मेरी शुभकामनाएं इनके साथ हैं.