दिल्ली में सीटों का बंटवारा: आप और कांग्रेस के बीच ‘फार्मूला’ तैयार, घोषणा का इंतजार…!
नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन में सीट बंटवारे की चर्चा जारी है. पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कह चुके हैं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी और दिल्ली में भी तैयारी पूरी है. पार्टी के महासचिव व सांसद संदीप पाठक ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि गठबंधन का धर्म निभाते हुए दिल्ली में एक सीट आम आदमी पार्टी कांग्रेस को देने के लिए तैयार हैं और 6 सीटों पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी.
इन सब बयानों से इतर पुष्ट सूत्रों के अनुसार दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का मामला लगभग तय हो चुका है. प्राप्त जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी चार सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगी तो कांग्रेस दिल्ली के तीन सीटों पर अपनी प्रत्याशी को उतारेगी. अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है. लेकिन दोनों ही पार्टी के नेता इस फार्मूले को खारिज करने से बच रहे हैं. गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में दिल्ली सरकार की मंत्री को पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “जल्द ही सीट शेयरिंग का औपचारिक ऐलान हो जाएगा आप लोग इंतजार करें.”
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए सीट शेयरिंग अहम मुद्दा है तो इस पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कई दौर में बातचीत हो चुकी है. इससे पहले आम आदमी पार्टी ने गुजरात, गोवा, असम की लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी का नाम के ऐलान कर चुकी हैं.
बता दें कि आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है. राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा. इसलिए अब लोकसभा चुनाव में कमबैक करना आप के लिए चुनौती समान है.
दिल्ली, पंजाब, गुजरात, गोवा तथा हरियाणा जहां आम आदमी पार्टी को लगता है वहां बेहतर संभावना है वहां लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलकर धमक दिखाना चाहती है. इससे पहले वर्ष 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई थी, दोनों बार पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी.दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गई. यहां तक कि 7 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी और उसे केवल 18.2 फीसद वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को 22.6 फीसद और बीजेपी को सातों सीट मिलाकर 56.9 फीसद वोट मिले थे.
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