आठ साल की उम्र में बना नक्सली: टेकुलगुडम हमले का मास्टरमाइंड है ‘देवा’, प्लानिंग में माहिर; हाथ में रखता AK-47..!

राजेन्द्र देवांगन
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आठ साल की उम्र में बना नक्सली: टेकुलगुडम हमले का मास्टरमाइंड है ‘देवा’, प्लानिंग में माहिर; हाथ में रखता AK-47..!
बीजापुर -सुकमा जिले के टेकुलगुडम में हुए हमले के मास्टरमाइंड बारसे देवा की तस्वीर सामने आई है। देवा अनपढ़ है, लेकिन वह स्थानीय भाषा के अलावा उड़िया, तेलगु, मराठी और हिंदी भाषा भी जानता है। वह  रणनीति बनाने में माहिर है।
बीते दिनों बीजापुर-सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के टेकुलगुडम में हुए हमले के मास्टरमाइंड नक्सल कमांडर बारसे देवा की तस्वीर सामने आई है। इस हमले में तीन जवान बलिदान हो गए थे और 14 जवान घायल हुए थे। घायलों का इलाज जारी है। 

मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर हिड़मा को एक साल पहले सीसी मेंबर बनाए जाने के बाद अब बारसे देवा को नक्सलियों के बटालियन नंबर एक कि कमान सौंपी गई है। 42 वर्षीय बारसे देवा पर सरकार ने 25 लाख रुपये को ईनाम रखा है। बारसे देवा उर्फ सुक्का उर्फ देवन्ना अरनपुर थाना क्षेत्र के ककाड़ी का निवासी है। हाल ही में उसका परिवार हिड़मा के गांव पूवर्ती में शिफ्ट हुआ है। 

नक्सल संगठन के इन पदों को भी संभाला

संगठन में एके-47 लेकर चलने वाला देवा बारसे इसके पहले दक्षिण सब जोनल ब्यूरो, दरभा डिवीजन प्रभारी, प्रेस यूनिट और प्रभारी डिवीजन समन्वय जैसे पद भी संभाल चुका है। फिलहाल जवान इसकी तलाश में हैं।

रणनीति बनाने में है माहिर
बता दें कि देवा अनपढ़ है, लेकिन वह स्थानीय भाषा के अलावा उड़िया, तेलगु, मराठी और हिंदी भाषा भी जानता है। नक्सलियों की प्रेस टीम में काम करने की वजह से उसने तकनीकी जानकारियां भी हासिल की हैं। लंबे समय तक नक्सलियों की सिविल मिलिट्री में काम करने से वह  रणनीति बनाने में माहिर है।

बाल संघम से नक्सली संगठन में शामिल हुआ था देवा
नक्सली 8-17 साल के बच्चों तो बाल संघम में शामिल करते हैं। इनमें कुछ बच्चे गांव के होते हैं, जो स्वेच्छा से संगठन में शामिल होते हैं। जबकि नक्सली कुछ बच्चों को जबरन उठाकर ले जाते हैं और संगठन में शामिल करते हैं। देवा नक्सली हिड़मा के ही गांव पूवर्ती का रहने वाला है, इसलिए वह उससे प्रभावित भी था। इस वजह से ही वह नक्सल संगठन में शामिल हुआ था। इसके बाद उसने कई बड़ी घटनाओं में टीम को लीड किया। 

कई बड़े हमलों को दे चुका है अंजाम
25 मई 2013 को दरभा-झीरम घाटी में हुए सबसे बड़े राजनीतिक नक्सली हमले में दरभा डीविजन के नक्सलियों की अहम भूमिका दी, इनमें देवा भी शामिल था। 26 अप्रैल 2023 को अरनपुर नक्सली हमले में 10 जवानों की शहादत और दंतेवाड़ा जिले के साथ-साथ सुकमा इलाके में भी लगातार हो रही नक्सली वारदात में इसी कमेटी के नक्सली शामिल थे, जिन्हें देवा ही लीड कर रहा था।

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