बिलासपुर।केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ बिलासपुर में एक दिनी राष्ट्रव्यापी हड़ताल हुई। इसमें बैंक, बीमा, डाकघर में कामकाज ठप रहा। इस दौरान बिलासपुर में करीब 100 करोड़ और कोरबा में 80 करोड़ का कामकाज प्रभावित हुआ। बिलासपुर में नेहरू चौक पर ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता जमकर बरसे। निजी क्षेत्र व भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर छोटे-बड़े सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों में काम नहीं होने से लेनेदन ठप रहा। इसके कारण ग्राहक दिनभर परेशान होते रहे। वहीं एसईसीएल बिश्रामपुर में हड़ताल बेअसर रही। यहां कोयला खनन क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग के तहत कोल ब्लाक की नीलामी प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का एलान किया गया था।वहीं कोरबा जिले में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों की एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का मिलाजुला असर रहा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) में ओपनकास्ट खदानों में 20 फीसद कर्मचारी अनुपस्थित रहे। भूमिगत खदानों व भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) में 50 फीसद कर्मचारी काम पर नहीं गए। प्रबंधन ने हड़ताल के मद्देनजर पहले ही व्यवस्था कर रखी थी।इसके कारण कामकाज पर आंशिक असर पड़ा। उधर एनटीपीसी व छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी के संयंत्रों में हड़ताल बेअसर रही। यहां सामान्य दिनों की तरह कामकाज चला। ओपनकास्ट गेवरा, दीपका, कुसमुंडा व मानिकपुर खदान बालको में प्रबंधन ने रात्रि में ड्यूटी कर रहे कामगारों को रोक लिया था। प्रथम पाली शुरू होने के पहले ही कई कामगारों को संयंत्र में बुला लिया गया। एनटीपीसी व विद्युत कंपनी के पावर प्लांट में हड़ताल नहीं हुई। विद्युत कंपनी में कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया। भारतीय मजदूर संघ व एनएफआइटीयू हड़ताल में शामिल नहीं हुए।
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