रिपोर्टर सीता टंडन
Janjgir-Champa: इस गांव में साथी बनकर रहते हैं दर्जनों अजगर! गांव वाले करते हैं उनकी पूजा…!
जांजगीर चांपा. छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक ऐसा पेड़ है, जो अजगरों का घर है. इस पेड़ में 150 से अधिक अजगर रहते हैं. जांजगीर शहर से लगभग 10- 12 किलोमीटर दूर भड़ेसर गांव में स्थित पीपल के पेड़ में ये अजगर एक साथ बड़े आराम से रहते हैं. यह पेड़ महात्माराम पांडे के घर पर है. उन्होंने पेड़ में इन अजगरों को पाल रखा है.
200 साल पुराना है पेड़
पेड़ की उम्र लगभग 200 साल बताई जाती है. पुराना पेड़ होने के कारण पेड़ अंदर से खोखला है, अजगर सांप इन्ही खोखले तनों में रहते हैं. यह किसी को कभी नुकसान नहीं पहुंचाते. बारिश के मौसम में जब पेड़ के खोखले भाग में पानी भर जाता है, तब बहुत सारे अजगर पेड़ से बाहर निकल आते हैं. यही वक्त होता है, जब लोग अजगर को देखने के लिए उमड़ पड़ते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि खतरनाक जीव होने के बावजूद अजगरों ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है. आश्चर्य की बात यह है कि वह पेड़ पर बैठने वाले पक्षियों और गिलहरी को भी अपना शिकार नहीं बनाते.

दादाजी ने दी थी पेड़ में पनाहअजगरों का ख्याल रखने वाले आत्माराम पांडे के मुताबिक, पीपल के पेड़ के पास पहले खेत हुआ करता था. तब उनके दादाजी ने अजगरों को पेड़ में पनाह दी थी. तब से ही पीपल के पेड़ पर अजगर रहने लगे. रोचक बात यह है कि कई साल से पेड़ पर रहने वाले अजगरों का जल्द ही नए अजगरों के साथ तालमेल हो जाता है. दूर से देखने पर पेड़ों की टहनियों के रंग में मिले हुए दिखते हैं. लिहाजा उनको पहचानना मुश्किल हो जाता है.आत्माराम आसपास के गांव से लावारिस अजगरों को लाकर पेड़ में छोड़ देते हैं.
अजगरों को पूजनीय मानते हैं ग्रामीण

भड़ेसर गांव में रहने लोगों का मानना है कि यह जीव धनलाभ देने वाला है. इसी कारण ग्रामीण अजगरों को पूजनीय मानते हैं. एक मान्यता के मुताबिक, अजगर का घर में होना शुभ संकेत होता है. उसके रहने से जीवन में धन और यश की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि भड़ेसर के ग्रामीण हर विशेष त्यौहार के मौके पर अजगरों से आर्शीवाद लेने पेड़ के करीब जाते हैं और पीपल के पेड़ की पूजा करते है.