अशोक सिरोडे की रिपोर्ट-
बिलासपुर-(सवितर्क न्यूज़) छत्तीसगढ़ के आदिवासी गरीब मजदूरों की लड़ाई लड़ने वाली अधिवक्ता सुधा भारद्वाज को जेल में बंद अब 2 साल पूरे हो गए हैं उनके खिलाफ अब तक किसी तरह के सबूत कोर्ट में पेश नहीं किए गए हैं कि वह दोषी साबित हो सके परंतु फिर भी उन्हें 2 साल से जेल में बंद रखा गया है छत्तीसगढ़ और देशभर के मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने आज इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
बिलासपुर के नेहरू चौक में विभिन्न सामाजिक संगठनों के लोग और वकील साथियों ने मिलकर नेहरू चौक में विरोध प्रदर्शन किया। सावधानी और मास्क लगाकर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हुए और सोशल फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए इन लोगों ने लंबी मानव श्रृंखला बनाए हाथों में तख्ती लिए यह लोग कानून का दुरुपयोग कर जनता के लिए काम करने वाले मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और एक्टिविस्ट वकीलों को जबरदस्ती गिरफ्तार कर लेने की सरकारी तानाशाही का विरोध कर रहे थे।
प्रदर्शन में मौजूद लोगों ने देश की केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर ऐसे लोगों को जेल में डाल रही है जो गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और अन्य जरूरतमंद बेसहारा लोगों को उनके अधिकार दिलाने के लिए मजबूती से आवाज़ उठाते हैं।
लोगों ने बताया कि जेल में अधिवक्ता सुधा भारद्वाज का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है लेकिन फिर भी जानबूझकर उनके मामले की सुनवाई करने में देर की जा रही है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि “सरकार अधिवक्ता सुधा भारद्वाज को सरकार जानबूझकर झूठे मामले में फंसा रही है, वर्ना दो साल हो गए अब तक उनके ख़िलाफ़ कोई सबूत क्यों नहीं पेश किए गए हैं”
PUCL के आह्वान पर बुलाए इस कार्यक्रम में अनेक संगठनों से लोग शामिल हुए। GSS के केंद्रीय संयोजक लखन सुबोध, अधिवक्ता रजनी सोरेन, अधिवक्ता आशीष बेक, अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला, अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव, अधिवक्ता दिव्या, आम आदमी पार्टी से प्रथमेश मिश्रा, अजय TG, नन्द कश्यप, निलोत्पल शुक्ला, शाकिर अली, MD सतनाम, महेश, अधिवक्ता लखन सिंह, आसिफ़, रजिक, नूरूल, प्रतीक वासनिक, अंजू धुर्वे, खांडेकर जी, अधिवक्ता अंसारी, अमित, गणेश कोशले, लखन साहू, श्याम मूरत कौशिक, वीरेंद्र भारद्वाज आदि 100 से भी ज़्यादा के लोग शामिल हुए।
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