रोमांच भर देगा इस रेलमार्ग का सफर, 56 टनल, सबसे ऊंची हिल स्टेशन के बीच गुजरती है ट्रेन…!
छत्तीसगढ़ का बस्तर प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए पूरे देश में जाना जाता है. खूबसूरत वादियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. यही वजह है कि इस साल बस्तर के पर्यटन स्थलों को देखने बड़ी संख्या में पर्यटक देश दुनिया से पहुंचे हैं.
ट्रेन के जरिए पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, बिहार से पहुंचने वाले पर्यटक रेलवे मार्ग पर पड़ने वाली अजीबोगरीब 56 टनल देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. विशाखापट्टनम से जगदलपुर के बीच 300 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग में अनंतगिरी की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला पड़ती है.
अनंतगिरी की पर्वत श्रृंखला देश की सबसे ऊंची हिल स्टेशन में शुमार है. रेलमार्ग से पर्यटक जगदलपुर पहुंचते हैं. पयर्टकों का कहना है कि रेलमार्ग का नजारा देखते ही बनता है. पूरे भारत में दूसरा रेलमार्ग है जहां 300 किलोमीटर के सफर में 56 टनल पड़ते हैं.
हरी-भरी वादियां, ऊंचे पहाड़ के बीच से गुजरती ट्रेन का अद्भुत नजारा होता है. रेलमार्ग से पर्यटकों की बड़ी संख्या बस्तर में नए साल का जश्न मनाने पहुंच रही है.
बताया जाता है कि किरंदुल- कोत्तवलसा (केके ) रेलमार्ग करीब 70 साल पुराना है. जगदलपुर से विशाखापट्टनम के रूट पर अनंतगिरी की पर्वत श्रृंखला को काटकर रेलवे ट्रैक बिछाया गया है.
चेन्नई से गोवा के बाद जगदलपुर-विशाखापट्टनम रेलमार्ग पर खूबसूरत वाटरफॉल्स, ऊंचे पर्वत और हरी भरी वादियां दिखाई देने लगती हैं. जगदलपुर-विशाखापट्टनम के रूट पर 56 टनल पड़ते हैं.
खास बात है कि रूट पर आंध्र प्रदेश का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल अरकू वैली भी मौजूद है. हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक अरकू वैली घूमने पहुंचते हैं. रेलमार्ग से होते हुए जगदलपुर पहुंचा जा सकता है.
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