
अमरताल मोड़ पर हुए दूर्घटना में घायल युवक की इलाज के दौरान मौत….
अकलतरा के समीपस्थ ग्राम अमरताल में लगभग 20 दिन पूर्व हुए दुर्घटना में इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई पत्नी एवं बच्चों का इलाज अब भी बिलासपुर के सिम्स में चल रहा है मिली जानकारी के अनुसार लगभग 20 दिन पूर्व जांजगीर में कम्प्युटर आपरेटर का काम करने वाले मुकेश राठौर लिमतरा से जांजगीर जाने अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ बाइक से निकले । जब वे अमरताल पार कर रहे थे जांजगीर से आ रही वैगन आर ने अमरताल मोड़ पर जबरदस्त टक्कर मारी और वे बाइक सहित दूर जा गिरे और उनके सिर पर जबरदस्त चोट लगी । गाड़ी से गिरने के कारण उनकी 10 वर्षीय बच्ची के दोनों हाथ की हड्डियां टूट गई थी तथा लड़के को ऊ चोट आई थी वही उनकी पत्नी और मुकेश राठौर बेहोशी की स्थिति में थे उन्हें प्राथमिक उपचार कर अकलतरा पुलिस के द्वारा लाईफ केयर बिलासपुर पहुंचाया गया डॉक्टर ने बताया कि मुकेश राठौर के सिर में खून का थक्का जमने से उनकी स्थिति काफी नाजुक है और वह कोमा में चले गए हैं वही उनकी पत्नी भी बहुत गंभीर स्थिति में थी लगभग 20 दिनों तक इलाज चलने के बाद मुकेश राठौर की तीन नवम्बर की रात्रि मौत हो गई और उनके पत्नी और बच्चों का इलाज अभी लाईफ केयर मे चल रहा है समाचार लिखे जाने तक मुकेश राठौर के शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया था ।
अमरताल मोड़ में आए दिन होती हैं ऐसी घटनाएं कोई सचेतक बोर्ड नहीं लगा है
मुकेश राठौर की मौत के अलावा क्षेत्र में और कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं । दरअसल अकलतरा से अमरताल जाने पर मिली और अमलताल के बीच मोड़ बहुत ज्यादा खतरनाक है और यहां के ग्रामीणो द्वारा भी रोड पार करते समय सावधानी बिल्कुल नहीं रखा जाता हैं । अचानक ही केवल हाथ दिखाकर सड़क पार किया जाता हैं जिसके कारण बाइक सवार संभल नहीं पाते है और सामने वाले को बचाने के चक्कर में गाड़ी का संतुलन बिगड़ जाता है जिससे दुर्घटनाएं हो रही हैं । सबसे तकलीफ बात यह कि यहां पर कोई भी सचेतक बोर्ड नहीं लगाया गया है जिससे नये आये लोगों को यहां के खतरनाक मोड़ के बारे में पता चल सके अचानक ही आया हुआ मोड़ और अचानक से आए ग्रामीण गाड़ी को अनियंत्रित कर दुर्घटना को बढ़ावा दे रहे हैं । इस स्थान पर यातायात विभाग के द्वारा सचेतक बोर्ड लगाया जाना बहुत आवश्यक है साथ ही इस गांव में यातायात के संबंध में जानकारी और जागरूकता की अति आवश्यकता है ।