वन विकास निगम को करोड़ों की राशि प्राप्त होती हैं। निगम को विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों के लिए पौधे लगाने के साथ उसका संरक्षण भी करना होता है

राजेन्द्र देवांगन
3 Min Read

कोरबा। ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए छत्तीसगढ़ वन विकास निगम को सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दे रखी है। प्रतिवर्ष पौधारोपण के लि वन विकास निगम को करोड़ों की राशि प्राप्त होती हैं। निगम को विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों के लिए पौधे लगाने के साथ उसका संरक्षण भी करना होता है

कोरबा में सीएसईबी राखड़ बांध के पास 5 वर्ष पहले किए गए प्लांटेशन को लेकर ना तो वन विकास निगम गंभीर है और ना ही छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी का प्रबंधन स्थिति यह है कि 5 वर्ष पहले लगाए गए पौधे अच्छे भले पेड़ की शक्ल में आ चुके हैं जिन्हें आसपास के लोगों ने काटना शुरू कर दिया है। खबर है कि इन्हें बेचने के साथ संबंधित जमीन पर बेजा कब्जा भी किया जा रहा है। इस मामले में सौदेबाजी भी जारी है यहां का जायजा लेने पर स्पष्ट हुआ कि वृक्षों को हाल में ही काटा गया है। खबर विकास निगम का अमला मौके पर पहुंचा पेड़ों की कटाई के बारे में पूछताछ करने पर अधिकारी ने गोलमोल जवाब देते हुए बचने की कोशिश की तर्क दिया गया कि बारिश के दौरान कुछ पेड़ गिर गए थे उन्हें ही पार किया गया है। जब बताया गया कि ढूंढ देखकर पता चलता है की कटाई हाल में ही हुई है इस पर नया तर्क प्रस्तुत किया गया। बताया गया कि वन विकास निगम का काम लगाना और 5 साल तक संरक्षित करने का है। यहां की बाकी जिम्मेदारी सीएसईबी की हैं।
शपथ लेने मात्र से नहीं होगा संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे रोकना और हर स्थिति में जीवित रखना काफी आवश्यक माना जाता है। प्रतिवर्ष 5 जून को मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस पर इस बारे में शपथ ली जाती हैं। बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लोगों से अपील की जाती हैं और उन्हें जागरूक किया जाता है इन सब के उलटे कोरबा में हरे भरे पेड़ों से लेकर रक्षा को साफ करने का काम जारी है। अधिकारी बचने की कोशिश में लगे हुए हैं। इन सबसे अलग ऐसे ग्रीन बेल्ट को साफ करने के साथ यहां अतिक्रमण यह जाने का रास्ता तैयार किया जा रहा है प्रशासन को इस दिशा में उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।

Share this Article