Chhattisgarh:मांग रहे अधिकार:पांचवीं अनुसूची में शामिल करने…कांकेर में चक्काजाम…सड़क पर उतरे हजारों लोग...
सर्व पिछड़ा वर्ग स्थापना दिवस के अवसर पर समाज द्वारा अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर कांकेर जिला मुख्यालय में विशाल प्रदर्शन किया। रैली में कांकेर समेत 11 से अधिक जिलों के 20 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। जिसमें प्रमुख रूप से 27 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही पांचवी अनुसूची में शामिल करने की मांग थी। समाज द्वारा निकाली गई विशाल रैली व प्रदर्शन के दौरान शहर में दो घंटे तक यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप रही।
समाज के आह्वान पर सुबह 11 बजे से ही सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के सदस्य कांकेर पहुंचने लगे थे। आमसभा स्थल नरहरदेव स्कूल मैदान में दोपहर एक बजे 20 हजार से अधिक लोग वहां पहुंचे। यहां प्रवक्ताओं ने अपनी-अपनी बात मंच से समाज के सामने रखी। जिसमें सभी 27 प्रतिशत आरक्षण देने व पांचवी अनुसूची में शामिल करने की मांग पर जोर दिया।
दोपहर बाद नरहरदेव मैदान से कलेक्टोरेट के लिए विशाल रैली निकाली गई। भीड़ जैसे मेन रोड में पहुंची सड़क पूरी तरह ब्लाक कर दिया गया। रैली जब कलेक्टोरेट तिराहे पर पहुंची तो उसे पुलिस ने वहीं रोक दिया। समाज के लोग कलेक्टोरेट जाने की मांग करते हुए जवानों से धक्का-मुक्की करते रहे लेकिन वे बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने में नाकाम रहे।
15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को दी गई कलेक्टर से मिलने की इजाजत
बैरीकेड्स के पास रोके जाने पर समाज प्रमुखों ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन सौंपने की मांग की। जिस पर 15 लोगों को अनुमति दी गई। रैली में जगन्नाथ साहू, महेश जैन, भरत मटियारा, नीलकंठ शार्दूल, हरेश चक्रधारी,रितेश पटेल, अरविंद जैन सहित कोंडागांव, जगदलपुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, बालोद, धमतरी, मानपुर मोहला के भी लोग शामिल हुए।
रैली के चलते पुलिस ने डायवर्ट किया रूट, बाइपास से निकली भारी गाड़ियां
सर्व पिछड़ा वर्ग समाज की रैली को देखते हुए यातायात पुलिस ने शहर में आने वाले यात्री व अन्य वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया गया था। जगदलपुर से आने वाली यात्री वाहनों को कृषि विज्ञान केंद्र से बाईपास से गढ़पिछवाड़ी, इच्छापुर मनकेशरी होते हुए माकड़ी की ओर भेजा गया। माल वाहनों को कोंडागांव में ही रोक कर उसे नारायणपुर भानुप्रतापपुर मार्ग से माकड़ी भेजा गया।
आरक्षण सहित पिछड़ा वर्ग समाज की ये हैं प्रमुख मांगें
पिछड़ा वर्ग की प्रमुख मांगों में छत्तीसगढ़ में 52 प्रतिशत आबादी के आधार पर 26 प्रतिशत आरक्षण देने, पिछड़ा वर्ग को परंपरागत वनवासी होने के नाते पांचवीं अनुसूची में शामिल करने, छग में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का स्वतंत्र कार्यालय स्थापित करने, राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में भारत सरकार के जनसंख्या गणना के आधार पर जिन ग्राम पंचायतों में पिछड़ा वर्ग की बहुलता है वहां सरपंच समेत अन्य पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित करने, छत्तीसगढ़ व केंद्र सरकार द्वारा बस्तर संभाग में प्राथमिक से उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए संचालित सभी आश्रम के छात्रावास में पिछड़ा वर्ग छात्र-छात्राओं के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और सामान छात्रवृत्ति देने के अलावा बस्तर संभाग में होने वाली सभी तृतीय व चतुर्थ वर्ग की स्थानी भर्ती को समाप्त कर सभी वर्ग को आरक्षण देते जिलेवार आरक्षण को तत्काल लागू करना शामिल हैं।
Editor In Chief