Chhattisgarh:झीरम घाटी कांड पर पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर का बड़ा बयान….कहा – नक्सली हमले की वजह थी कांग्रेस की आपसी कलह….

राजेन्द्र देवांगन
3 Min Read
ब्यूरो रिपोर्ट मोहम्मद रज्जब

Chhattisgarh:झीरम घाटी कांड पर पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर का बड़ा बयान….कहा – नक्सली हमले की वजह थी कांग्रेस की आपसी कलह….

झीरम हमले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत कई नेता शहीद हो गए। नतीजन चुनाव से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप ही खत्म हो गई।
आज से 9 साल पहले छत्तीसगढ़ में जो घटना घटी थी, उसे कोई नहीं भुला सकता, इस घटना में कांग्रेस पार्टी के नेताओ की एक पूरी पीढ़ी खत्म हो गई थी। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी नक्सली हमला एक फिर चर्चे में आया है। 2013 में गृहमंत्री रहे ननकीराम कंवर ने बड़ा बयान दिया है। झीरम हत्याकांड को लेकर उन्होंने कहा कि मेरे गृहमंत्री रहने के दौरान हुई हमले की घटना हुई थी। आपसी झगड़े की वजह से कांग्रेस काफिले में नक्सली हमला हुआ था। कांग्रेस का एक नेता कहीं से गया तो दूसरा नेता दूसरे रास्ते से गया। स्पष्ट था कि कांग्रेसी नेताओं में आपसी लड़ाई झीरम नक्सली हमला कांड की वजह बनी थी।


क्या है झीरम घाटी नक्सली हमला
2013 में 25 मई को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा में परिवर्तन यात्रा रैली समाप्त होने के बाद शाम करीब 4 बजे सुकमा से जगदलपुर जा रहा था, इसी दरमियान जब झीरम घाटी से होकर गुजर रहा था, तभी नक्सलियों ने पेड़ों को गिराकर रास्ता रोक दिया, कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही करीब 200 नक्सलियों ने गाड़ियों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत कई नेता शहीद हो गए। नतीजन चुनाव से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की टॉप लीडरशिप ही खत्म हो गई।

कर्मा को मारी 100 गोलियां,शव पर चढ़कर नाचे थे नक्सली
यह सब देखकर बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर रहे कांगेस नेता महेन्द्र कर्मा अपनी गाड़ियों से नीचे उतरे औरनक्सलियों से कहा कि मुझे बंधक बना लो, दूसरों को छोड़ दो ,जिसके बाद नक्सलियों ने तत्काल महेंद्र कर्मा को बंधक बनाकर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। माओवादियों ने खुद इस बात को स्वीकार किया था कि उनका मुख्य टारगेट महेंद्र कर्मा ही थे,क्योंकि उन्होंने माओवादियों के खिलाफ सलवा जुडूम चलाया था। इसलिए नक्सली कर्म को अपना दुश्मन नंबर वन मानते थे। बताया जाटा है कि नक्सलियों ने महेंद्र कर्मा के शरीर पर लगभग 100 गोलियां दागीं और 50 से अधिक बार चाकू से वार था। जब नक्सलियों को विश्वास हो गयकी महेंद्र कर्म नहीं रहे,तब उन्होंने उनके शव पर चढ़कर डांस भी किया था।

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