हमर बेटी, हमर मान’ के क्रियान्वयन के लिए हुई बैठक: रतनलाल आईजी ने दिए निर्देश- बच्चों और महिला संबंधी अपराध में जुर्म दर्ज होते ही क्षतिपूर्ति के प्रकरण भेजें….
हमर बेटी हमर मान कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए आईजी ने शुक्रवार को रेंज स्तर के नोडल अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने इस दौरान महिला और बच्चों से संबंधित अपराधों के त्वरित निराकरण के लिए निर्देश दिए। इसी तरह महिलाओं व बच्चों से संबंधित अपराधों में एफआईआर होते ही पीड़ित क्षतिपूर्ति के प्रकरणों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजने के लिए कहा। आईजी ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए ‘अभिव्यक्ति एप’ की जानकारी घर-घर तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए। इसी तरह एप सबसे अधिक महिलाओं को डाउनलोड कराने के लिए जांजगीर-चाम्पा एसपी की तारीफ की।
आईजी रतन लाल ने प्रदेश सरकार के महिलाओं, बालिकाओं और युवतियों के सर्वांगीण विकास व सुरक्षा के मद्देनजर शुरू किए गए ‘हमर बेटी-हमर मान’ अभियान के तहत महिलाओं व बालिकाओं से संबंधित अपराधों की मॉनिटरिंग करने व निर्धारित समयावधि के भीतर निराकरण कराने के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में एडिशनल एसपी सक्ती गायत्री सिंह, एडिशनल एसपी सारंगढ़-बिलाईगढ़ महेश्वर नाग, एडिशनल एसपी आईयूसीएडब्ल्यू बिलासपुर गरिमा द्विवेदी, एसडीओपी गौरेला-पेण्ड्रा-मरवा ही अशोक वाडेगांवकर, डीएसपी लोरमी माधुरी धिरही, डीएसपी जांजगीर-चाम्पा चंद्रशेखर परमा, डीएसपी कोरबा प्रदीप येरेवार, डीएसपी रायगढ़ राकेश भोई सहित रेंज कार्यालय में पदस्थ एएसपी दीपमाला कश्यप उपस्थित रहीं।
बच्चों व महिला संबंधि मामले 60 दिन में निपटाने के आदेश
रेंज के जिलों में महिलाओं व बच्चों से संबंधित लंबित अपराध, गुम बालक-बालिकाओं के प्रकरणों, पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना अंतर्गत प्रकरणों, जिलों में लंबित महिला व बच्चों संबंधी अपराध, गुम इंसान जांच, एससी-एसटी एक्ट के प्रकरणों के निराकरण की ओर विशेष ध्यान देने तथा लंबित प्रकरणों की समीक्षा करने निर्देशित किए। आईजी ने जिले में लंबित महिला व बच्चों से संबंधित अपराधों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा 60 दिनों के भीतर आवश्यक रूप से किया जाए।
अभिव्यक्ति एप के बारे में जागरूक करें अफसर: आईजी
आईजी ने महिला सुरक्षा के लिए लांच ‘अभिव्यक्ति एप’ के संबंध में भी सार्वजनिक स्थानों व स्कूल, कॉलेजों में जाकर उसके उपयोग के बारे में जानकारी देने के लिए कहा। इस एप के जरिए शिकायतों का तत्काल निराकरण किए जाने व महिला पुलिस अधिकारियों के माध्यम से स्कूल-कॉलेजों में महिलाओं व बालिकाओं को उनके कानूनी अधिकार, गुड टच, बैड टच, सायबर क्राइम व अपराधों के बारे में जागरूक करने के लिए निर्देशित किया गया।
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