अर्जुनी में शराब की नई दुकान खोलने का विरोध, महिलाओं ने जमकर किया विरोध

राजेन्द्र देवांगन
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ब्यूरो रिपोर्ट सीता टंडन

अर्जुनी में शराब की नई दुकान खोलने का विरोध, महिलाओं ने जमकर किया विरोध

जांजगीर चांपा जिले के अकलता थाना अंतर्गत ग्राम अर्जुनी की महिलाओं अपने गांव में शराब भट्टी ना खुलने देने की मांग के साथ यहां की महिलाओं 1 महीने से शराब भट्टी के सामने डेरा डाल कर रखा हुआ है । मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत अर्जुनी की वीरांगनाओं ने पहले तो बीच बस्ती में चल रहे गुहा पारा में शराब भट्ठी को हटाया । बताया जा रहा है कि गुहा पारा में चल रहे शराब भट्टी को हटाने के लिए इन महिलाओं ने 77 दिनों तक आंदोलन किया था । नारी शक्ति के इस आंदोलन से प्रशासन को झुकना पड़ा और भट्टी अन्यत्र शिफ्ट करना पड़ा लेकिन विडम्बना यह कि शराब भट्टी बस्ती से हटाकर खेतों के बीच में शिफ्ट किया गया है जहां महिलाएं खेतों में काम करने जाती है । महिलाओं ने यह शराब भट्टी हटाने की मांग के साथ पिछले 1 माह से खेत में डेरा डाल दिया है और शराब लेने आने वालों को हाथ जोड़कर वापिस भेजा जा रहा है उनका कहना है कि हमें अपने गांव में शराब भट्टी चाहिए ही नहीं , कही भी नहीं ।

शराब भट्टी के बगल से बह रहा है नरवा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गोठान योजना का हश्र आज ऐसा है कि आज लिखने वाले इस विषय की ओर से ऐसे मुंह फेरते है जैसे कई दिनों की बासी रोटियां हो और अब उनकी दूसरी महत्त्वाकांक्षी योजना नरवा घुरवा और बारी का भी इससे भी बुरा हाल उनके ही वरद पुत्रो के हाथ होने जा रहा है
ग्राम अर्जुनी में जहां पर नई शराब भट्टी खुलने जा जा रही है उसके बगल में ही नरवा बहता है जो सीधे जाकर लीलागर नदी में मिलता है अब सोचना यह है कि यहां शराबी जब शराब लेने आएंगे और यहां बैठकर शराब पिएंगे तो क्या वह शराबी नरवा या नाला में शराब की बोतलें और पाउच नहीं फेंकेंगे तब नदी के पर्यावरण का क्या होगा । पर्यावरण को सुधारने की बात कहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और खुद पर्यावरण विभाग इन बातों में रत्ती भर भी दिलचस्पी नहीं ले रहे है ।

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