
सैकड़ों कोल जनजाति के युवा वंचित हो रहे हैं शासन की योजनाओ से
जांजगीर के बलौदा विकास खंड तथा अकलतरा विकास खंड के सैकड़ों कोल अनुसूचित जनजातियों का अब तक जाति प्रमाणपत्र नहीं बना है । जाति प्रमाणपत्र नहीं बनने से शासकीय योजनाओं और शासकीय सेवाओं में मिलने वाले अवसरों से कोल अनुसूचित जनजाति के युवा लाभ से वंचित हो रहे हैं । मिली जानकारी अनुसार जांजगीर जिले के बलौदा विकास खंड के बेलदियाडीह एवं अमलीभाटा तथा अकलतरा विकास खंड के पोड़ी दल्हा तथा बुचीहरदी के 141 कोल जनजाति शासकीय योजनाओं और शासकीय सेवाओं में मिलने वाले लाभ से अब तक वंचित है । पोड़ी दलहा के 60 वर्षीय दानीराम कोल ने बताया की मैं इस गांव में तीसरी पीढ़ी का हूं और हमारी पांचवी पीढ़ी भी इस गांव में है । उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वज आनंदराम कोल जिसे गांव वाले ” बंदुकवाला” कहते थे और कुछ उनके कुछ साथी आज से लगभग सौ साल पहले मध्यप्रदेश के सतना से भागकर पोड़ी दलहा बुची हरदी बेलियाडीह तथा अमली भाटा गांव में बस गए जिस समय वह सतना मध्यप्रदेश से भाग कर आए वह समय अंग्रेजों का शासन काल था और कोल जनजाति अंग्रेजी फौज में भर्ती थी । ऐसा बताया जा रहा है कि अंग्रेजो के द्वारा जब कोल जनजाति को सेना में भर्ती किया गया और जब उन्होंने रक्तपात देखा , उस समय कुछ कोल जनजाति के युवा और महिला भागकर बलौदा और अकलतरा के क्षेत्र में बस गए और तब से वह यहीं रह रहे हैं । बताया जा रहा है कि कुछ कोल जाति जांजगीर जिले से अलग होकर नये बने जिले सक्ती में भी निवास कर रही है । पोड़ी दलहा और बुची हरदी में यह उनकी पांचवी पीढ़ी के युवा निवास कर रहे हैं पांचवी पीढ़ी के युवा अमित कौल ने बताया कि मध्यप्रदेश से आये होने के कारण इस जिले में हमारा मिसल नहीं मिल रहा है जिसके कारण हमारा अब तक जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है और इस कारण हम अनुसूचित जनजाति होने के बाद भी हमारी गिनती ओबीसी या सामान्य में होती है और हम सब इस लाभ से वंचित हैं । आज से 15 साल से पूर्व गांव के जागरूक लोगों ने कोल जनजाति का जाति प्रमाण पत्र बनवाने की कोशिश की लेकिन जांजगीर जिले में मिसल नहीं मिलने के कारण कोल अनुसूचित जनजाति के लोगों का अब तक जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है जिसके कारण कोल युवा शासन की योजनाओ के लाभ से वंचित है ।