नियमों को ताक पर रखकर की जा रही पत्थर खदानों में हेल्को लास्टिंग ….

राजेन्द्र देवांगन
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कहां सो रहा हैं खनिज विभाग यहां हो रहा है हेल्को ब्लास्टिंग

(ब्यूरो रिपोर्ट सीता टंडन)

जांजगीर चांपा जिले में हेल्को ब्लास्टिंग प्रतिबंधित होने के बावजूद इसके सभी नियमो और मानकों को खूंटी में टांग कर न केवल ब्लास्टिग किया जा रहा था बल्कि यहां के कुछ बड़े खदान मालिकों ने “जो करना है कर लो” कहते हुए हेल्को ब्लास्टिंग कर रहे हैं । लटिया जाने वाले मार्ग पर दीपक सिंघानिया की सर्वमंगला नाम से क्रशर खदान संचालित है वहीं पास में अकलतरा में निवासरत एस अग्रवाल का निजी आफिस है । आज जब वे अपने आफिस पहुंचे तो देखा कि उनकी आफिस की छत मे बड़ा सा छेद हो गया है और आफिस में बड़ा पत्थर का टुकड़ा है और सौभाग्य की बात यह थी कि हादसे के समय आफिस का मालिक और कर्मचारी उस कमरे में नहीं थे अन्यथा कल्याणपुर के आश्रित ग्राम दर्रीटांड के मनीष बनाफर वाले कांड की तरह कोई बड़ी दूर्घटना हो जाती ।

दरअसल यह क्रशर खदान मालिकों की मनमर्जियां इतनी बढ़ गई हैं कि वे नेताओ , स्थानीय लोगों और नियमों – मानकों का बिल्कुल भी भय नहीं रह गया है । इन क्रशर मालिकों को खनिज अधिकारियों का डर तो बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि वे जानते हैं कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को कैसे चुप कराना है अन्यथा अकलतरा के इतने करीब क्षेत्र में जहां से रात दिन लोगों का और नेताओं का आना जाना लगा रहता है ऐसे स्थान में ब्लास्टिंग करने की हिम्मत कैसे होती है । खनिज अधिकारियों के आंखों का काजल बने यह क्रशर मालिक उनके आंखों में सोने का चश्मा ही नहीं हीरे की पुतलियां भी बनवा रहे हैं । ऐसे में स्वाभाविक है कि क्रशर मालिकों की हिम्मत बढ़ेगी और ऐसे हादसे आए दिन होते रहेंगे और यह आश्चर्य की बात नहीं है किसी दिन हेल्कों ब्लास्टिंग से किसी की जान भी चली जाए । अकलतरा नगर ऐसे औद्योगिक नगरी बनती जा रही है जहां उद्योग- धंधो का विस्तार करने और विकास के नाम आमजन की बलि चढाई जा चल रही हैं और प्रशासन और शासन ,”अपने मुंह मियां मिट्ठू बनते हुए ” अपने ऐसे विकास कार्य को को गिना रहा है जिसका आम जनता को कोई फायदा नहीं है ।

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