निलंबित बीईओ को हाइकोर्ट से नहीं मिली राहत ,याचिका खारिज

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर. गौरेला विकासखंड के तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से निलंबन के खिलाफ स्थगन नहीं मिल पाया कोर्ट ने बीईओ के स्थगन आवेदन को खारिज कर दिया है। आप को बता दें कि संभागीय आयुक्त डॉ. संजय अलंग ने जीपीएम कलेक्टर डोमन सिंह के प्रस्ताव पर बीईओ को निलंबित कर दिया है।

गौरेला, पेंड्रा, मरवाही जिले के तीन अधीक्षकों एटी सिंह, सुनील धृतलहरे, विजय ध्रुव ने गौरेला के तत्कालीन बीईओ गिरीशचंद्र लहरे पर अवैध वसूली करने और राशि नहीं देने पर प्रताडि़त करने एवं अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया था। इस मामले की शिकायत कलेक्टर समेत शिक्षा विभाग के सभी उच्चाधिकारियों से की गई थी। इसके साथ ही जीपीएम के तत्कालीन डीईओ ने एक जांच टीम गठित की थी।

इस जांच टीम ने निलंबित बीईओ पर लगाए गए सभी आरोपों को सही पाया था। इस आरोप के बाद रिपोर्ट जीपीएम के कलेक्टर डोमन सिंह को भेजी गई थी। कलेक्टर ने कार्रवाई का प्रस्ताव संभागायुक्त को भेजा गया था। इसकी जांच के बाद संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग ने गौरेला के बीईओ गिरीशचंद्र लहरे को निलंबित कर दिया।

इस निलंबन के खिलाफ के खिलाफ गौरेला के तत्कालीन बीईओ ने इस निलंबन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद गौरेला के तत्कालीन बीईओ के निलंबन आदेश पर स्थगन आवेदन को खारिज कर दिया गया।

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