MBBS छोड़ मजदूरी कर रहे युवक को मिलेंगे 5 लाख:CM भूपेश ने की मदद; अब फिर पढ़ाई शुरू करेगा प्रकाश

राजेन्द्र देवांगन
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MBBS छोड़ मजदूरी कर रहे युवक को मिलेंगे 5 लाख:CM भूपेश ने की मदद; अब फिर पढ़ाई शुरू करेगा प्रकाश

बीजापुर जिले के नक्सल हिंसा पीड़ित युवक का अब डॉक्टर बनने का सपना पूरा होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उसके लिए 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की है। जिसका आदेश भी जारी कर दिया गया है। अब युवक इन पैसों से वापस किर्गिस्तान जाएगा और वहां अधूरी छोड़ी MBBS की पढ़ाई पूरी करेगा। आर्थिक मदद मिलने की जानकारी मिलते ही युवक का परिवार बेहद खुश है। उसने खबर प्रकाशित करने के लिए दैनिक भास्कर और मदद करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद कहा है।युवक का नाम प्रकाश गोटे है जो बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक के फरसेगढ़ गांव का रहने वाला है। प्रकाश के पिता सलवा जुडूम के नेता और जनपद पंचायत सदस्य थे। वे अपने गांव में विकास चाहते थे। लेकिन उन्हें नक्सलियों ने मार दिया था। जैसे-तैसे पैसे इकट्ठा कर MBBS की पढ़ाई करने के लिए प्रकाश किर्गिस्तान गया था। लेकिन, कोरोना की वजह से अपने देश लौटना पड़ा। आर्थिक तंगी की चोट इस कदर लगी की दोबारा विदेश जा ही नहीं पाया। पढ़ाई पूरी करने के लिए अफसरों और नेताओं के सामने मदद के लिए हाथ फैलाए थे, फिर भी किसी ने मदद नहीं की।

दूसरे छात्रों के साथ प्रकाश।

जब प्रकाश के बारे में पता चला, तो भास्कर की टीम युवक के गांव पहुंची। प्रकाश के हाथ में किताब की जगह फावड़ा था। वह मजदूरी करने लगा था। इसके अलावा वह रोड किनारे किलोमीटर बताने वाले पत्थर पर पेंट कर थोड़ी बहुत आमदनी कर रोजी-रोटी का बंदोबस्त करता था। युवक ने अपनी पढ़ाई और परिवार के हालात के बारे में बताया था। प्रकाश ने कहा था कि पढ़ाई के लिए अब भी कहीं से 5 से 6 लाख रुपए की मदद हो जाए तो MBBS की पढ़ाई पूरी कर लूंगा। जहां से छोड़ा था वहीं से शुरू करूंगा। भास्कर ने प्रकाश के डॉक्टर बनने की अधूरी कहानी को प्रमुखता से उठाया था।

प्रकाश के पिता को नक्सलियों ने मार दिया था।

अगस्त में जाएगा विदेश
प्रकाश ने बताया कि अगस्त से नए सेमेस्टर के लिए एडमिशन शुरू होता है। CM साहब ने पैसे देने की घोषणा कर दी है। जब पैसे हाथ में आएंगे तो फिर वीजा के लिए आवेदन करूंगा। फिर अगस्त में किर्गिस्तान जाऊंगा। सालभर की पढ़ाई और बची हुई है। जिसे पूरी करूंगा। डॉक्टर बनकर बस्तर के अंदरूनी गांवों में ही सेवा दूंगा।

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