आठ साल बच्चों के गले में फंसा सिक्का ,,, करना पड़ा आपरेशन ,,,डॉक्टरों ने बच्ची के गले से निकाले तीन सिक्के
बिलासपुर में डॉक्टरों ने चार घंटे की मशक्कत के बाद आठ साल की बच्चे की भोजन नली से तीन सिक्के निकाले। दरअसल, कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के खैरा डुबान की रहने वाली बच्ची बाल्टी लेकर पानी भरने गई, तो तीन सिक्कों को ही मुंह में दबा लिया था, जो अंदर जाकर भोजन नली में फंस गए। इससे बच्ची रोने लगी और उसकी हालत खराब हो गई। घबराए परिजन उसे अस्पताल ले गए, जहां से उसे बिलासपुर रेफर कर दिया गया था।
जानकारी के अनुसार, कोरबा जिले के पाली क्षेत्र के खैरा डुबान गांव में रहने वाली तमन्ना कुमारी पोर्ते (8 साल) रविवार की सुबह सिक्कों को लेकर घर में खेल रही थी। तभी उसकी मां शांता बाई ने उसे घर के बाहर लगे हैंडपंप से पानी लाने के लिए भेजा। वह बाल्टी लेकर पानी भरने चली गई। फ्रॉक में जेब नहीं होने के कारण वह सिक्कों को मुंह में दबा कर हैंडपंप से बाल्टी में पानी भरने लगी। बाल्टी में पानी भरने के बाद वह घर आई। तब तक सिक्के मुंह के अंदर चले गए और खाने की नली में फंस गए। उसे तकलीफ हुई, तब वह रोते हुए पानी पीने लगी। उसकी हालत देखकर पिता बालकृष्ण पोर्ते ने उससे पूछताछ की, तब उसने सिक्कों के गले में फंसने की जानकारी दी।
बच्ची के भोजन नली में फंसे थे सिक्के
पाली स्थित अस्पताल लेकर गया पिता
बेटी के मुंह में सिक्के फंसने की जानकारी मिलते ही आनन-फानन में पिता बालकृष्ण बच्ची को लेकर पाली के निजी अस्पताल पहुंचा, जहां बच्ची के गले का एक्स-रे कराया गया, जिसमें सिक्के दिख रहे थे। लेकिन यह पता नहीं चल रहा था कि कितने सिक्के सांस नली में फंसे हैं। उसकी हालत देखकर डॉक्टर ने उसे बिलासपुर रेफर कर दिया।
चार घंटे की मशक्कत के बाद निकाले गए 5 रुपए
बच्ची के परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, तब उसकी हालत नाजुक थी और वह दर्द से सुस्त पड़ गई थी। उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। डॉक्टरों ने एक्स-रे से देखा, तब सिक्के बच्ची के गले में फंसे थे। सिक्कों को निकालने के लिए डॉक्टरों ने बच्ची को बेहोश किया। फिर ESOPHAGOSSCOPE को उसके मुंह से खाने की नली में डाला। कुछ देर बाद एक सिक्का निकला। फिर दूसरे सिक्के को निकाला गया। दो सिक्के निकालने के बाद डॉक्टरों ने फिर से एक्स-रे मशीन से देखा तो एक और सिक्का नजर आ रहा था, जिसे निकालने के लिए तीसरी बार स्कोप को खाने की नली में डाला और तीसरा सिक्का भी निकाल लिया गया। बच्ची दो रुपए के दो और एक रुपए के एक यानि की तीन सिक्कों को निगल ली थी। कुल मिलाकर 5 रुपए बच्ची के गले में फंस गए थे। सिक्के निकालने के बाद बच्ची की हालत अब ठीक है।
डॉक्टरों ने बच्ची को बेहोश कर निकाले तीन सिक्के
डॉक्टर बोले- घातक हो सकते सिक्के
डॉक्टर बृजेश पटेल ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए पेरेंट्स को बच्चों पर नजर रखना चाहिए। बच्चों को सिक्कों को मुंह में डालने न दें। इसी तरह कोई भी खाने की ठोस वस्तु भी बच्चे खा रहे हैं, तो पैरेंट्स को ध्यान रखना चाहिए। गले में स्वांस नली और भोजन नली में सिक्के या खाने का कोई ठोस वस्तु फंस जाए, तो घातक हो सकता है। स्वांस नली में सिक्के फंसने से दम घूट सकता है और बच्चों की जान भी जा सकती है। ऐसे में छोटे बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए।
एक साथ तीन सिक्के निगलना रेयर, समय पर इलाज से बची जान
डॉक्टर बृजेश पटेल और उनकी टीम ने घंटों मशक्कत के बाद बच्ची की जान बचा ली है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर बच्चे एक दो सिक्के निगल जाते हैं और सिक्के गले में फंस जाता है। इस केस में बच्ची के गले में तीन सिक्के फंसे थे। इस तरह का केस रेयर होता है। हालांकि, समय रहते बच्ची के अस्पताल पहुंचने से बच्ची के भोजन नली से सिक्के निकाल लिए गए। ऐसे केस में बच्चों के जान को खतरा रहता है।
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