कोरबा RTO : वाहन के फर्जी नामांतरण मामले में कोरबा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाँच शुरू,,,, RTO विभाग का रवैया सुस्त
कोरबा : RTO कार्यालय में वाहन के फर्जी नामांतरण मामले में RTI एक्टिविटिस्ट जीतेन्द्र साहू के शिकायत को संज्ञान में लेते हुए कोरबा पुलिस कप्तान भोजराम पटेल ने तत्काल जाँच के आदेश दिए थे जिस पर विभाग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जाँच शुरू कर दिया है जिस क्रम में RTO एजंट पन्ना साहू एवं विभाग के कई कर्मचारी एवं पूर्व DTO विजेंद्र सिंह पाटले को बयान के लिए कार्यालय तलब किया गया है ताज़ा जानकारी के अनुसार आज शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया गया है जिसमे श्री साहू ने अपनी शिकायत के अनुसार मामले की जानकारी पुलिस को दी साथ ही एजेंट पन्ना साहू, बिलासपुर के वाहन डीलर साहिल शराफ, RTO कर्मचारी मनीष कांबले, गीता ठाकुर, पूर्व DTO विजेंद्र सिंह पाटले को इन सब में लिप्त बताया साथ ही वाहन को जाँच कर फाइल को आगे बढ़ने में जिनका सबसे पहले कार्य होता है अनुपम पटेल का भी जिक्र पुलिस के समक्ष अपने बयान में किया और उनको भी इस पुरे मामले में मिला हुआ बताया क्यों की अनुपम पटेल का काम यही है, की जब तक वाहन को एवं वाहन के क्रेता और विक्रेता एवं बिक्रीनामा को भौतिक रूप से न देख ले तब तक फाइल आगे नहीं बढ़ाई जाती पर मृत व्यक्ति और उसके वारिसदार के अनुपस्थिति पर भी गाड़ी की फाइल आगे बढ़ गयी और पूरा नामांतरण का काम हो गया इसमें गौर करने वाली बात यह है की एजेंट पन्ना साहू द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर फाइल प्रस्तुत की गयी एवं वाहन मालिक की अनुपस्थिति पर भी इस काम को अंजाम दिया गया श्री साहू ने मीडिया को बताया की मामले में उनका बयान हुआ है और जांच अधिकारी के समक्ष उन्होंने अपना कथन रखा है l
विभाग के नवपदस्त अधिकारी का रवैय्या सुस्त
मीडिया ने जब श्री कुर्रे से इस मामले के बारे में प्रश्न किया तब उन्होंने देखता हूँ कह कर टाल दिया, क्या विभाग की कार्यशैली पर उठ रहे सवालों पर वरीय अधिकारी का ऐसा कथन कई सवालों को जन्म दे रहा है शिकायतकर्ता के अनुसार इस मामले की शिकायत पुलिस के साथ विभाग को एवं रायपुर मंत्रालय तक किया गया है. पूर्व में RTO के बाबू सदानंद जांगड़े का घुस लेते फोटो और वीडियो वायरल होने पर तत्काल कार्यवाही करते हुए परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा द्वारा सदानंद जांगड़े को निलंबित करते हुए रायपुर अटैच किया गया था पर इस मामले में कार्यवाही को ले कर हो रही देरी एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारी श्री कुर्रे की कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे है अब देखना ये होगा की कोरबा RTO में चल रहे ऐसे खेल का पर्दा कब उठता है और दोषी पाए जाने पर किस प्रकार की कार्यवाही होती है l