चंदैनी गोंदा’ की मुख्य गायिका, छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध लोक गायिका माया खापर्डे दुनिया को कर गई,अलविदा
राजनांदगांव(ब्यूरो)-छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध लोक सांस्कृतिक संस्था ‘चंदैनी गोंदा’ की मुख्य गायिका रही माया खापर्डे का आज दुर्ग में निधन हो गया। शहर के भरका पारा की रहने वाली 57 वर्षीय माया खापर्डे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रही थी। सन् 80 के दशक में माया खापर्डे ने चंदैनी-गोंदा के मंच पर अपने सुमधुर स्वरों के जादू से लोगों को विमोहित किया था। सन् 90 के दशक में मिलीन्द साव व आत्माराम कोशा के साथ रायपुर आकाशवाणी के दल लोकरंजनी कार्यक्रम में ‘कावर तै मारे नैना वान’ जैसे सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गीत से धूम मचाई थी वही गायक प्रकाश देवांगन के साथ मोर खेती खार रूमझुम जैसे लोकप्रिय गीत में अपने गले की समधुरता के रंग भरे थे। इसी दशक में आत्माराम कोशा और साथी वाले लोकरंजनी ग्रुप में माया ने तोला फूंदरा मंगाए व दरोगा, जैसे लोकप्रिय गाकर लोगों को झुमाया था वही सुप्रसिद्ध लोक गायक महादेव हिरवानी के साथ ‘डोंगा अरझगे मंझधार मे… गाकर मधुरता बिखेरी थी। माया खापर्डे अपने पीछे अपने पति सुभाष वैदे के सहित एक पुत्र व दो पुत्रियों वाला भरा-पूरा परिवार छोड़ गई है। छ.ग. की लोकप्रिय लोक गायिका माया खापर्डे के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति ने उन्हें भाव-पूरित शोक श्रद्धांजलि अर्पित की है। लोक गायक महादेव हिरवानी ने बताया कि लोक गायिका माया खापर्डे की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान सुभाष नगर दुर्ग से आज शनिवार को सुबह 10 बजे निकलेगी।
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