बिलासपुर।जिले के अधिकतर पटवारी हल्कों में भूमाफियाओं की दखल है, जहां भूमाफियाओं के द्वारा खुलेआम अवैध प्लाटिंग की जाती है , जिम्मेदारों को जानकारी के बावजूद किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही होती। ऐसे में प्लाट खरीदने वाले आम आदमी अवैध प्लाटिंग में अपनी जीवनभर की जमा पूंजी लुटा देते है और अवैध प्लाटिंग से मालामाल हो जाते हैं भूमाफिया और जिम्मेदार राजस्व अधिकारी व पटवारी । इसका एक छोटा सा उदाहरण देखना हो तो बिलासपुर जिले के बहतराई चले आइये जहां भूमाफियों द्वारा इन क्षेत्रों में बड़े स्तर पर बिना टाउन एन्ड कन्ट्री प्लानिंग व रेरा रजिस्ट्रेशन के बिना, और शासन की किसी भी प्रकार की अनुमति के बगैर धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग करते साफ साफ नजर आ जाएंगे।इन भूमाफियाओं की कारगुजारियों की पूरी जानकारी होने के बाद भी नगर निगम व राजस्व महकमें के उच्च अधिकारी मतलब शासन और प्रशासन कार्यवाही करने की बजाय मौन बैठे हैं! भूमाफियाओं से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला बिलासपुर निगम क्षेत्र बहतराई पटवारी हल्के का है जहां बिजौर शासकीय स्कूल के पीछे खसरा न. 480/1 में बड़े पैमाने पर शासन के राजस्व नियमों के विरुद्ध अवैध प्लाटिंग की जा रही है। शासन को इस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए उपरोक्त जमीन के खसरा नम्बर की खरीदी, बिक्री और नामांतरण पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। लेकिन जिम्मेदारों ने अपनी आंखें मूंदे बैठे है। गौरतलब है कि इन भूमाफियाओं पर शासन प्रशासन में बैठे निगम व राजस्व के जिम्मेदार अधिकारी उपरोक्त मामले की जानकारी होने के बाद भी जांच गंभीरता और सूक्ष्मता से करते हैं या नही। बहरहाल राजस्व नियमों का उल्लंघन कर, शासन को चूना लगाने वाले भूमाफियाओं को संरक्षण देकर काली कमाई करनें वालों पर निगम व राजस्व महकमे के जिम्मेदार अफसर कब तक उपरोक्त मामले में कार्यवाही शुरू करते हैं कहना मुश्किल है लेकिन ऐसा ही रवैया जिम्मेदार अधिकारियों का बना रहा तो वह दिन दूर नहीं जब इन भूमाफियाओं के द्वारा बनाये गए अवैध प्लाटिंग के मकड़ जाल में फंसकर आम आदमी दर दर की ठोकरें खाने मजबूर होगा!
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