प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय निर्माण, 14वे एवं 15वे वित्त की राशि में अनियमितता सहित मनरेगा के कार्यो में जमकर भर्राशाही
निलेश मसीह-बिलासपुर- मस्तुरी जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायतो में पिछले कई वर्षो में प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय निर्माण, 14वे एवं 15वे वित्त की राशि में अनियमितता सहित मनरेगा के कार्यो में जमकर भर्राशाही व भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया जिसकी शिकायत मस्तुरी जनपद पंचायत सीईओ से भी हुई मगर इन तमाम योजनाओ में किसी भी सीईओ ने तत्परता से कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया वरन लगातार मस्तुरी क्षेत्र में शासन की योजनाओ में जबरदस्त भ्रष्टाचार अनवरत जारी है वही इन भ्रष्टाचारो पर जनपद के अधिकारियो द्वारा लगाम लगा पाने में असमर्थ है, आखिर जनपद में व्यापत भ्रष्टाचार पर लगाम कब लग पाएगी ये यक्ष सवाल बनकर लोगो के मन में कौंध रहा है| केंद्र व राज्य शासन की महत्त्वव्कांक्षी योजनाओ को शहरी व ग्रामीण जनता तक पहुचाने वाले व उनको लाभ दिलाने की जिम्मेदारी शासन के अधिकारियो की होती है साथ ही जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा शासन की योजनाओ में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने व भ्रष्टाचार में लिप्त लोगो के खिलाफ कार्यवाही भी करने जिम्मेदारी है मगर इन तमाम जिम्मेदारियों को दरकिनार करते हुए जिला व जनपद पंचायत में बैठे अधिकारी केवल अपना स्वार्थ सिद्धि में लगे हुए है| जनपद पंचायत मस्तुरी में पिछले कुछ वर्षो में सीईओ केपद पर कई अधिकारी आए व चले भी गए मगर इन अधिकारियो के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय निर्माण, 14वे एवं 15वे वित्त की राशि में अनियमितता सहित मनरेगा के कार्यो में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की गई जबकि कई योजनाओ में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद जांच भी हुई जिसमे कई दोषियों के नाम भी सामने आए मगर सभी ठाय-ठाय फिस्स साबित हुए| मस्तुरी क्षेत्र में बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास योजना व शौचालय निर्माण में करोडो का घोटाला हुआ जिसमे मस्तुरी जनपद का नाम केंदीय स्तर पर भी पंहुचा मगर इस महाघोटाले में भी लीपापोती हो गई इसी तरह हाल ही में मस्तुरी जनपद पंचायत सीईओ द्वारा क्षेत्र के 15 वे वित्त की राशि तीन करोड़ पंद्रह लाख शासन द्वारा ग्राम विकास के लिए आया है, जनपद पंचायत सीईओ द्वारा जनपद वार इस कार्य हेतु सभी जनपद सदस्यों से प्रस्ताव मगाया गया था जिसमे सभी जनपद सदस्यों द्वारा प्रस्ताव दिया गया है| इस हेतु 29 मई को जनपद सीईओ द्वारा सामान्य सभा की वर्चुवल बैठक बुलाई गई थी जिसमे सभी क्षेत्रो में बराबर राशि आबंटन की बात तय हुई थी लेकिन अचानक ही 30 मई को जनपद कार्यालय से जानकारी मिली कि 4 जनपद क्षेत्रो क्रमश: जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 4, क्रमांक 6, क्रमांक 13 व क्रमांक 19 में स्थानीय जनपद पंचायत सदस्य के द्वारा जो कार्य दिए गए थे व इस सूची में नहीं है एवं सीईओ द्वारा नहीं किया गया है जो विधिमान्य नहीं है जिससे शासन की योजनाओ का कुछ जनपद क्षेत्रो को लाभ नहीं मिल पायेगा| इसी तरह ग्राम पंचायत गोड़ाडीह में सरपंच, सरपंच पति व रोजगार सहायक द्वारा मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यो में भी जमकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया जिसकी शिकायत पत्रकार रूपचंद राय ने जनपद सीईओ सहित अन्य अधिकारियो से की, मामले को संज्ञान में लेते हुए जनपद से जांच दल मामले की जांच करने पंहुचा इस दौरान गोड़ाडीह के सरपंच पति व रोजगार सहायक सहित अन्य लोगो के द्वारा पत्रकार रूपचंद राय को जांच दाल के सामने ही जमकर मारपीट की जिसकी शिकायत पत्रकार ने जनपद सीईओ सहित पचपेड़ी थाना पुलिस से की इस मामले में पचपेड़ी थाना पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए नामजद आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मगर जनपद के अधिकारियो द्वारा जांच दाल के सामने गोड़ाडीह सरपंच पति, रोजगार सहायक सहित अन्यो के खिलाफ किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं वही मनरेगा में व्यापत भ्रष्टाचार के मामले में भी कोई कार्यवाही नहीं की जिससे साफ़ जाहिर हो रहा है कि जनपद में सीईओ कोई भी हो क्षेत्र में भ्रष्टाचार बेलगाम होकर शासन को चुना लगाने का कार्य अनवरत जारी रहेगा