असमाजिक तत्वों ने पत्रकार पर किया हमला , 5 हजार नगद,प्रेस कार्ड सहित कैमरा भी लूटा आरोपी फरार
कमल दुसेजा,,बिलासपुर-: लोकस्वर समाचार पत्र के फोटो ग्राफर पत्रकार पवन सोनी के ऊपर कल रात्रि लगभग 10:30 बजे 3 अज्ञात हमलावरों ने उस वक्त हमला बोल दिया जब पत्रकार अपना काम निपटा के कोनी स्थित प्रेस क्लब कर्मचारी संघ कालोनी जा रहा था। कि अचानक 3 युवक मुह में कपड़ा बांध के अचानक पत्रकार के बाइक को ओव्हरटेक करते हुए इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय नर्सरी के पास अचानक पत्रकार पवन सोनी के वाहन को गिराकर पत्रकार पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। तीनो आरोपियों ने पवन सोनी के साथ न सिर्फ मारपीट किया बल्कि उक्त युवकों ने पत्रकार के पर्स में रखे 5 हजार नगद,2 एटीएम कार्ड,4 नग पेनड्राईव एवं प्रेस कार्ड को लूट लिया। पवन सोनी ने अपने शिक़ायत में बताया कि उक्त युवक में से एक युवक काले रंग का गमछा एवं लाल शर्ट पहना हुआ था। सरकंडा थाने में मामले की FIR दर्ज कराई गई है।
अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध धारा 394 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं पुलिस आरोपियों के तलाश में जुट गई है। न्यायधानी में पत्रकार पर हमले से पत्रकारोँ की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल…जहां पूरे प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने एवं पत्रकारोँ के हित मे अनेको कार्य योजना बनाने के दावे किए जाते हैं। ऐसे में न्यायधानी में लोकस्वर समाचार पत्र के फोटो ग्राफर (पत्रकार ) पवन सोनी के ऊपर अज्ञात हमलावरों के द्वारा की गई मारपीट एवं लूट की वारदात ने फिर से रात्रि में पुलिस के गस्त एवं पत्रकारोँ की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अनेको सवाल खड़े हो रहे हैं। लगातार कार्य क्षेत्र समाचार संकलन एवं विभिन्न घोटालों को उजागर करने के दौरान भ्रस्टाचारियों एवं माफियाओं के द्वारा पत्रकारोँ के विरुद्ध अनेको षड़यंत्र एवं हमले की घटना को अंजाम देने में पीछे नही हटते हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर में पत्रकार के ऊपर हमला कर लूटपाट करने वाले आरोपी घटना के 15 घण्टो के बाद पुलिस के पकड़ से बाहर है न्यायधानी में नही माफियाओं को खाखी का डर – शराब,कबाड़, लूटपाट,सट्टा, जुआ,नशीली दवाओं एवं गांजा तस्कर है सक्रिय कहने को तो पुलिस रिकार्ड में अपराध कम बताने में पीछे नही हटती है लेकिन जमीनी हकीकत उसके उलट ही है। इनदिनों बिलासपुर में विभिन्न काले कारनामो एवं वारदातों को अंजाम देने वाले आरोपियों के हौसले इतने बुलन्द है कि वो बेख़ौफ होकर अपने कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। कुछ असामाजिक तत्व तो यहां तक दावा करते नजर आतें हैं कि हर थाने में हर अपराध की कीमत तय है। पैसे फेंको तमाशा देखो तभी तो आरोपियों के द्वारा बेख़ौफ़ होकर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है।