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पत्रकार अर्नब ग़ोस्वामी के समर्थन में सर्व हिन्दू समाज बिलासपुर से भी आज शाम निकलेगी मशाल रैली
अभी कुछ दिनों पहले ही महराष्ट्र सरकार में कांग्रेस के मंत्री नवाब मलिक ने एक स्टिंग ऑपरेशन में साफ किया था कि उनके द्वारा अर्णब गोस्वामी के खिलाफ किस तरह की साजिश की जा रही है। उसने कहा था कि हम अर्नब को हजारों फर्जी केस में फंसा कर इतना परेशान कर देंगे कि वह आत्महत्या कर ले ।अब उसी षड्यंत्र को अंजाम देने की शुरुआत हो चुकी है । जिस तरह से 2 साल पुराने बंद हो चुके मामले में अर्णब गोस्वामी और उसके पूरे परिवार के खिलाफ मुकद्दमें किए गए और उन्हें जिस तरह से बेइज्जत कर गिरफ्तार किया गया उससे देशभर में गुस्सा है। महाराष्ट्र सरकार अर्णब गोस्वामी के मामले में पूरी तरह एक्सपोज हो चुकी है। किसी भी सरकार की ऐसी बेशर्मी आज तक भारत ने नहीं देखी है। लोगों में महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर जितना गुस्सा है उतना ही गुस्सा केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किए जाने को लेकर भी है ।
देशभर में अर्णब गोस्वामी के समर्थन में रैलिया निकाली जा रही है। बिलासपुर भी इससे अलग नहीं है। गुरुवार शाम 5:00 बजे गांधी चौक से देवकीनंदन चौक तक अर्णव गोस्वामी के समर्थन में मशाल रैली निकाली जाएगी। साथ ही महाराष्ट्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस का पुतला दहन किया जाएगा। सर्व हिंदू समाज द्वारा कहा गया है कि जिस तरह से अर्णब गोस्वामी बेबाक होकर सच्चाई उजागर कर रहे थे , पालघर के संतों की हत्या से लेकर सुशांत सिंह राजपूत और कंगना मामले में मुखर थे, उसी वजह से उन्हें परेशान किया जा रहा है। शिवसेना किसी उन्मादी की तरह व्यवहार कर रही है। जिसने महाराष्ट्र पुलिस को भी पूरी तरह बंधक बना लिया है। पुलिस बिल्कुल शिवसेना की प्राइवेट सेना की तरह काम कर रही है। इस पूरे घटनाक्रम ने जहां अर्नब गोस्वामी को देशभर में नायक बना दिया तो वही महाराष्ट्र सरकार और उसके सहयोगी पूरी तरह से खलनायक बन चुके हैं। जिनके खिलाफ देश भर में धरने प्रदर्शन किए जा रहे हैं। बुधवार को सोशल मीडिया पर भी इस घटना पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की और अब सड़क पर आकर इसका विरोध किया जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद केंद्र सरकार से भी मांग की जा रही है कि वह आर्टिकल 356 का उपयोग कर महाराष्ट्र की निरंकुश सरकार को बर्खास्त कर दे , वही अर्णब गोस्वामी की इस प्रतिशोध में की गई गिरफ्तारी का पत्रकार समुदाय ने भी खुलकर विरोध किया है।
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