ग्राम पंचायत नरियरा के कार्य से जनसामान्य के जीवन को खतरा. असलम खान /जांजगीर चांपा/ग्राम पंचायत नरियरा में क्षेत्र कि जनताओ के भविष्य जीवन के साथ खिलवाड़ ज्ञात हो की 1बात मिली जानकारी से 50 लोगो से भी अधिक लोग करोना पॉजिटिव है नरियरा में जो वार्ड 11,12,3,19, व अन्य वार्ड है उसके बावजूद पंचायत का क्षेत्र की जानता को बचाने के प्रति सजगता नही एवम् बाहर से आए हुए 3 पारिवारिक व्यक्तियों को करोना पॉजिटिव होने के बावजूद उसको घर में समानता पूर्वक रखा गया है और उस वार्ड के लोगो को कोई सुचना भी नही दिया गया हैजिसे पूरा वार्ड एवम् गांव संक्रमित हो सकता है और जब इस समस्या को लेकर ग्रामीण सरपंच एवम् उनके सहयोगी को बोलते है की ग्राम पंचायत की जनता की सुरक्षा को देखते हुए वह संक्रमित वार्डों को बंद करे एवम् संबंधित करोना पॉजिटिव ग्रामीणों के घरों को चिन्हाकित करे जिसे जनसामान्य में संक्रमित होने का चैन टूटे व प्रशासन द्वारा आदेशों को गांव में कड़ाई से पालन करवाएं सरपंच अपने हक अधिकार व कर्तव्यों को समझे कहकर तो सरपंच साहब केवल यही बोलते है की हम क्या कर सकते है भला हमारे पास इसके लिए कोई मद नही है जिसके चलते हम लोग यह कार्य कर सके और पंच गढ़ नही मानेंगे कहकर टाल दिया जाता है और 2 बात नरियरा के कन्या हाई स्कूल में भवनों का निर्माण पंचायत द्वारा लॉकड्वुन में भी करवाया जा रहा है जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् अकलतरा के द्वारा विधायक व मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भवनों की उचित जांच कराकर भवन को निर्धारित मापदंडों के अनुरूप बनाए जाने के लिए ज्ञापन सौंपा गया था उसके पश्चात लॉकड्वुन होने के कारण भवनों का जांच नही हो पाया हैऔर शायद यही कारण है की पंचायत अपनी गलतियो को छुपाने के लिए भवनों को लॉकड्वन में भी बना रहा है सारी नियमो को ताक पर रख कर केवल अपने फ़ायदे के लिए काम किया जा रहा है जो बहुत ही निर्दय कार्य है 3 बात नरियरा में सरकारी हाई स्कूल के बगल की जो सरकारी जगह है उसको पंचायत के दबंग के द्वारा कब्जा किया जा रहा है जिसपर पंचायत की कोई प्रतिक्रिया नही ऊपर से भूमि अधिग्रहण करने में प्रोत्साहन दे रही है पंचायत ग्रामीणों के द्वारा इसके लिए पंचायत को बोला जाता है तो हम कुछ नही जानते बोला जाता है *आश्चर्य की बात यह है की पंचायत को जनता के विकास और सुरक्षा के लिए बनाया जाता है लेकिन यहां पर तो कहानी कुछ अलग है, और इन सभी कार्यों में किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है ।*
Editor In Chief