जिला प्रशासन के सख्त आदेश पर दूरस्थ ग्रामीण अंचलों पर स्थानांतरित पटवारियों को फिर लाया गया शहर आसपास मलाईदार हल्को में
बिलासपुर। 15 सालों बाद सरकार भूपेश बघेल की नई हो गई मगर अवैध प्लाटकटुआ लोगो या कहे भूमाफियाओं के लिए चर्चित शहर बिलासपुर में पूरा राजस्व अमला आज भी लगभग अपनी नापाक इरादों में कामयाब होने मुस्तैदी से जमा हुआ है जिसका कारण या तो धनबल भी हो सकता है या फिर राजनैतिक प्रभाव से उन पर कार्यवाहियों को नजरअंदाज करने की परंपरा चली आ रही है ऐसे में अचानक जिला प्रशासन राजस्व अमले की छोटी मछली(पटवारी) पर कार्यवाही कर मात्र हल्का बदलने(स्थानांतरण) करने की बात संबंधित भूमाफियाओं उनके राजनैतिक आकाओं तक पहुंचती है तब फिर से पटवारी के लिए यही राजस्व अमला जिला प्रशासन अपनी कार्यवाहियों को शिथिल कर मलाईदार हल्के में स्थानांतरित करने मात्र 8-15 दिनों में ही नया आदेश करने मजबूर होता है।
बिलासपुर जिले में कुछ ऐसे पटवारी वर्षों से जमे हुए है जिनका पूर्व में रहे अन्य जिले का कार्यकाल बड़ा ही दागदार रहा एकाध पटवारी ऐसे भी है जिनके पूर्व जिले में भ्रष्टाचार से कमाई आय से अधिक काली संपत्तियों की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो कर रहा है मगर उनकी कार्यवाही भी नौ दिन चले अढ़ाई कोष जैसी ही दिख रही हैं या तो संबंधित पटवारी के राजनैतिक आका कार्यवाहियों को लंबित रखने दबाव बनाने में कामयाब हो रहे है या फिर एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच टीम स्वमेव इस कार्यवाही को ठंडे बस्ते में डाल रखी है इसके अलावा वहां उसके विरुद्ध पांच पांच एफआईआर हुई जिसमें स्वयं एक एफआईआर कराने में प्रार्थी स्वयं महिला न्यायधीश रही बावजूद अपने फंसने के बाद चरण दर्शन या अन्य शाम दाम दंड भेद नीति से मामला कोर्ट पहुंचने पर रफा दफा कर लिया गया। ये रफा दफा कोई पाकसाफ होकर निकलने के चलते नही बल्कि अनेक मिन्नतें, माफीनामा सहित कानूनी अड़चनों, कार्यवाहियों से बच निकले। बहरहाल राजस्व विभाग और हाल में एंटी करप्शन ब्यूरो एवं सीएम हाउस की आलमारियों में इनकी इतनी गंभीर शिकायतें फ़ाइल बंद है जिसमें यदि अधिकारी अपनी इन्सानियत पर आकर अपनी कर्तव्यपरायणता का परिचय दें तो शायद कोई भी ऐसा ना हो जो कि ऐसे आय से अधिक मामले की जांच चल रहे पटवारी को एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्यवाही या अन्य भ्रष्टाचार की कार्यवाही से बचा पाए।
बिलासपुर शहर इस समय अवैध प्लाटिंग की चपेट में है रोज कुछ न कुछ सुनाई दे रहा है यहाँ अवैध हो रहा है वहाँ अवैध हो रहा है लेकिन ये अवैध हो कैसे रहा है इस पर भी जरा ध्यान दीजिए जब एक पटवारी की शहरी क्षेत्र में हो रही अवैध प्लाटिंग,जमीन की बंदरबाट में शिकायत आ रही हो ,एसडीएम से लेकर कलेक्टर, मंत्री तक शिकायत हो रही है लेकिन शिकायत को खींचा जा रहा है कि अब शिकायत कम होगी लेकिन ऐसा नही हो रहा है ।
एसडीएम, कलेक्टर से लेकर राजस्व मंत्री इससे परेशान होकर उसका तबादला किसी ग्रामीण क्षेत्र में करते है।कुछ समय शहर में शांति हो जाती है सबकुछ सामान्य सा होने लगता है उस हल्के के लोगो को ऐसा लगता है अब परेशानियों से सामना नही करना पड़ेगा जो उस पटवारी के रहते हो रही थी। मगर एकाएक कलेक्टर के भी सख्त निर्देश को ताक में रख वही पटवारियों को एक नए आदेश में वापस शहर से लगे अवैध प्लाटिंग वाले हल्को में पदस्थापना कर दी जाती हैं।
पूरे छत्तीसगढ़ और खासकर अवैध प्लाटिंग, भूमाफियाओं के आतंक के लिए मंत्री जी बड़ी बड़ी बाते करते हुए अवैध प्लाटिंग रोकने का लंबा चौड़ा भाषण मीडिया के सामने देते है कि अब अवैध प्लाटिंग पर कसा जाएगा शिंकजा,कार्यवाही करने की बात पर जोर देते है लेकिन दो दिन बाद होता है इसका उल्टा दो दिन बाद तीन पटवारियों की एक तबादला सूची जारी होती है उसमें वो ही पटवारी जिसकी काफी शिकायत थी जनता परेशान थी शहर में अशांति थी सभी जगह उसी की चर्चा होती रहती थी मंत्री जी और प्रशासन की तरफ से उसी पटवारी को फिर से शहरी क्षेत्र में पोस्टिंग की लिस्ट में नाम आता है मतलब उसे ट्रांसफर करके वापस लाया जाता है इसमें बस इतना फर्क होता है कि उसका क्षेत्र हल्का वो नही होता है जहाँ उसकी काफी शिकायत होती रही है अब वो दूसरे मलाईदार हल्के में ट्रांसफर हो कर आ जाता है लेकिन अब यहाँ के लोगो को डर भी सताने लगा है कि उनकी जमीनों का क्या होगा उन्हें अब किन किन परेशानियों से गुजरना पड़ेगा और अब फिर से शहर में इस पटवारी की तरह तरह की चर्चा शुरू होना चालू हो गई है।
तीन दिन पूर्व एक नए आदेश के तहत बिलासपुर जिले में जो तीन पटवारियों के लिए नया आदेश हुआ है आप देखते ही समझ जाएंगे कि वो कौन है अब बेचारे उस हल्का के लोग जिनकी जमीन वहां है उन्हें डर सताने लगा है ,लेकिन इससे जिला प्रशासन और मंत्री जी को कोई लेना देना नही क्योकि इन्हें फील्ड में रह कर जनता की परेशानियों से कोई मतलब नही क्योकि इन तक न तो जनता पहुँच पाती है और न ये जनता तक पहुचना चाहते है मंत्री जी को नेतागिरी यहाँ करना नही उनका क्षेत्र यहां से बहुत दूर है और अचानक भयानक मीडिया से मुखातिब हो भी गए तब फिर वही रटा रटाया व्यक्तव्य कि हम अवैध प्लाटिंग में कार्यवाही करेंगे चाहे अवैध प्लाटिंग में या भूमाफियाओं के सरंक्षण में कोई भी हो कार्यवाही करेंगे,सुनने को ही मिलता है।
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