वन विभाग के सभी कामों का भुगतान अन्य भुगतानो की तरह सीधा वन मंडल कार्यालय से श्रमिकों के खाते में किया जाए
कोरबा :- वन मण्डल विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार व रेंजरों पर आरोपो का शिलशिला कम होने का नाम नही ले रहा है
आये दिन कोईं न कोई भ्रष्टाचार का मामला सामने आ ही रह है । हम कतई ऐसा नही कह रहे है कि प्रदेश का हर रेंजर भ्रष्टाचार में लिप्त है । लेकिन अधिकांश रेंजरों के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा हुआ है । वन मण्डल विभाग वन मण्डल में किये गए कार्यो के लिए जो राशि जारी करता है । उसे उस रेंज के रेंजर के खाते में जारी करता है जिसने वन मण्डल में कार्यो को सम्पादित किया है ।
अधिकांश मण्डल के रेंजर राशि का भुगतान हो जाने के बाद भी कार्यो को पूरा करने वाले मजदूरों को राशि का भुगतान करने में कोताही बरतने का काम करते है ।
जिससे रेंजरों के खिलाफ मजदूर वर्ग को आवाज बुलंद करनी पड़ती है । उसके बाद भी मजदूरो का भुगतान नही हो पाता है । ऐसे मामलों को लेकर उन रेंजरों को भी परेशानी होती है जो अपना कार्य भलीभांति करते है । इन्ही मामलो को लेकर पूरे प्रदेश के रेंजर चाहते हैं कि फॉरेस्ट के सभी कामों का भुगतान अन्य भुगतानो की तरह सीधा वन मंडल कार्यालय से श्रमिकों के खाते में किया जाए ।
वर्तमान में यह प्रथा नहीं है जिसके कारण वन मण्डल में पारदर्शिता नही आ रही है । पारदर्शिता लाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है इसी की वन मण्डल में भी अन्य भुगतानों की तरह किये गए कार्यो का भुगतान सीधे मजीदुरो के खाते में किया जाए । इन्ही बातों को लेकर कुछ दिनों से प्रदेश के रेंजर एसोसिएशन ने बैठक रखकर निर्णय लाया है । कि प्रदेश में वन मण्डलों में किये जाने वाले कार्यो का भुगतान सीधे मजदूरो के खाते में विभाग स्वयं करे । जिससे वह मण्डल के कार्यो में पारदर्शिता आएगी । इस मांग को लेकर रेंजर एशोसियेशन ने अपनी मांग पत्र लिखित में शासन को सौप है । अब देखना है कि शासन रेंजरों की मांग को पूरा करने कोई कदम उठाती है या फिर पहले की तरह ही शासन रेंजरों के खाते में राशि का भुगतान करती रहेगी ।
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