पाली विद्युत विभाग से हटाए जाने के बाद भी जमे है कनिष्ठ अभियंता के.सी. जोशी, अरुण कुमार को नही मिला अबतक चार्ज, क्या मिल रहा अधिकारिक संरक्षण
(सवितर्क न्यूज, राकेश खरे )
कोरबा/पाली अपने विभागीय कार्य मे मनमाने एवं अड़ियल तौर- तरीकों को लेकर चर्चित रहने वाले तत्कालीन जेई के.सी. जोशी अन्यंत्र हटाए जाने के दो सप्ताह बाद भी कार्यमुक्त नही किए गए है और वे पाली विद्युत विभाग में ही जमे रहकर कार्य कर रहे है।लगता है उन्हें वर्तमान में अधिकारिक रहमत मिल रहा है जिसके कारण कार्यपालक निदेशक के आदेश का पालन अबतक नही किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि पाली विद्युत विभाग में विगत 2- 3 वर्षों से पदस्थ कनिष्ठ अभियंता के.सी. जोशी के विभागीय कार्य करने का तौर- तरीका प्रारंभ से ही मनमाना तथा अड़ियल भरा रहा है जिसके कारण विद्युत उपभोक्ता काफी परेशान रहे है जहां कई- कई दिन विभाग का चक्कर लगाने के बाद भी उपभोक्ताओं के विद्युत संबंधित समस्याओं का निदान नही हो पा रहा था।इसके अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के विद्युत सुधार की बातों को भी लगातार अनसुना कर श्री जोशी द्वारा घोर उपेक्षा किया जा रहा था जिसे लेकर शिकायत का दौर चला था और तब छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कार्यपालक निदेशक (बिक्षे) भीम सिंह कंवर द्वारा आदेश क्रमांक- 1739, दिनाँक 25 फरवरी 2021 को एक आदेश जारी करते हुए जेई के.सी. जोशी को पाली से हटाकर कटघोरा भेज दिया गया तथा उनके स्थान पर कटघोरा विद्युत विभाग ग्रामीण की जिम्मेदारी सम्हाल रहे अरुण कुमार साहू को पाली पदस्थ किया गया साथ ही इस आदेश के सात दिवस के भीतर संबंधितों को कार्यमुक्त कर आदेश में स्थानांतरित स्थल पर कार्यभार ग्रहण की सूचना कोरबा अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालक अभियंता कटघोरा द्वारा आवश्यक रूप से प्रेषित करने आदेशित किया गया था।किंतु आज पर्यन्त 15 दिवस बाद भी कार्यपालक निदेशक के आदेश का पालन नही किया गया है और जेई श्री जोशी अभी भी अंगद के पांव की तरह यथावत जमे दिख रहे है।लगता है जोशी साहब को पाली की हवा- पानी कुछ ज्यादा ही रास आ गई है इसीलिए शायद उनका यहां से अन्य स्थान पर जाने का मन नही है।इनके ऊपर के अधिकारी भी ऐसे कि उन्हें अपने कार्यपालक निदेशक के आदेश का पालन कराने में भी कोई रुचि नही।ऐसे में एक प्रकार से देखा जाए तो श्री जोशी को विभागीय रहमत प्राप्त होना परिलक्षित हो रहा है।जिसके तहत शायद कोरबा, कटघोरा के अधिकारी अपने कनिष्ठ अभियंता को पाली से हटाना नही चाह रहे है।