मुंगेली नगर की जीवनदायिनी कही जाने वाली आगर नदी आज अपने अस्तित्व के सबसे गंभीर संकट से गुजर रही है। कभी स्वच्छ जल और हरियाली के लिए पहचानी जाने वाली यह नदी अब कूड़े-कचरे और गंदे नालों का बहाव झेलने को मजबूर हो गई है।
अस्तित्व के संकट में आगर नदी,

मुंगेली नगर को तीन ओर से घेरे हुए आगर नदी में लगातार नगर के नालों का गंदा पानी गिराया जा रहा है। इसके अलावा नदी किनारे कचरे का अंधाधुंध डंपिंग किया जा रहा है, जिससे नदी का स्वरूप पूरी तरह बिगड़ चुका है। कई स्थानों पर नदी अब साफ तौर पर नाले जैसी दिखाई देने लगी है।
गंदे नाले में हो रही तब्दील

स्थानीय लोगों का कहना है कि घरेलू अपशिष्ट के साथ-साथ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाली गंदगी भी सीधे नदी में छोड़ी जा रही है। इससे न सिर्फ जल प्रदूषण बढ़ रहा है, बल्कि आसपास के इलाकों में दुर्गंध और बीमारियों का खतरा भी पैदा हो गया है।
प्रशासनिक उदासीनता पर उठ रहे सवाल

आगर नदी की बदहाल स्थिति को लेकर स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों में भारी नाराजगी है। उनका आरोप है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। न तो नालों के शोधन की व्यवस्था की गई है और न ही कचरा फेंकने वालों पर सख्ती दिखाई दे रही है।
जनता की मांग
नगरवासियों ने मांग की है कि—
नदी में गिरने वाले नालों को तत्काल रोका जाए
नदी किनारे कचरा फेंकने पर कड़ी कार्रवाई हो
आगर नदी के संरक्षण के लिए विशेष अभियान चलाया जाए
यदि समय रहते आगर नदी को बचाने के लिए कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में यह नदी पूरी तरह समाप्त होने की कगार पर पहुंच सकती है।

