जगदलपुर में आज से शुरू हुआ बस्तर ओलिंपिक का संभाग स्तरीय आयोजन; 13 दिसंबर को अमित शाह करेंगे समापन

राजेंद्र देवांगन
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गदलपुर। बस्तर में बहुप्रतीक्षित बस्तर ओलिंपिक का संभाग स्तरीय आयोजन आज 11 दिसंबर से शुरू हो गया है, जो 13 दिसंबर तक चलेगा। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल होंगे, जबकि समापन कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। विजेताओं को सम्मानित भी किया जाएगा।


7 जिलों के सैकड़ों खिलाड़ी और ‘नुआ बाट’ टीम की एंट्री

इस प्रतियोगिता में बस्तर संभाग के कांकेर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर और कोंडागांव जिलों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।

इस बार आयोजन की खास बात यह है कि—

सरेंडर नक्सली और नक्सल हिंसा पीड़ित परिवार भी खेलेंगे

IG सुंदरराज पी ने बताया कि सात जिलों की सात टीमों के अलावा आठवीं टीम ‘नुआ बाट’ बनाई गई है, जिसमें नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटे लोग और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के सदस्य शामिल हैं।

  • पिछले साल लगभग 350 खिलाड़ी थे
  • इस बार संख्या बढ़कर 761 से अधिक हो गई है

IG के अनुसार इन खिलाड़ियों की भागीदारी उनके मनोबल को बढ़ाने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का महत्वपूर्ण प्रयास है।


ब्लॉक से संभाग स्तर तक चयन प्रक्रिया

बस्तर ओलिंपिक की संरचना तीन चरणों में होती है—

  1. ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता
  2. जिला स्तरीय फाइनल
  3. संभाग स्तरीय मुकाबले (वर्तमान चरण)

जिन खिलाड़ियों ने जिला स्तर पर जीत हासिल की, वही अब संभाग स्तरीय फाइनल में प्रतिभा दिखा रहे हैं।


कबड्डी से हॉकी तक कई खेल शामिल

प्रतियोगिता में निम्न खेल आयोजित किए जा रहे हैं—

  • कबड्डी
  • रस्साकशी
  • दौड़
  • बैडमिंटन
  • हॉकी
  • वॉलीबॉल
  • तीरंदाजी
  • एथलेटिक्स
  • अन्य पारंपरिक व आधुनिक खेल

खेलों का संपूर्ण खर्च जिला प्रशासन द्वारा वहन किया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना है।


समापन समारोह में अमित शाह की मौजूदगी, सुरक्षा कड़ी

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 13 दिसंबर को जगदलपुर पहुंचेंगे।

वे इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह में उपस्थित रहेंगे।

पुलिस व प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

अमित शाह इससे पहले भी 2024 में कार्यक्रम में शामिल हुए थे और नक्सलवाद खत्म करने की निर्धारित समयसीमा की घोषणा की थी।


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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)