दवाओं की सुरक्षा और सही उपयोग में फार्मासिस्ट की भूमिका सबसे अहम – रायपुर में अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन की बैठक

राजेन्द्र देवांगन
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रायपुर, 9 अक्टूबर 2025।

अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन छत्तीसगढ़ द्वारा राजधानी रायपुर में आयोजित बैठक में हाल ही में सर्दी-खांसी की सिरप में मिली गड़बड़ी को लेकर गंभीर चर्चा की गई। बैठक में दवाओं के रख-रखाव, संरचना (Composition), साइड इफेक्ट, एक्सपायरी और सुरक्षित उपयोग जैसे अहम मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

बैठक में प्रदेश महासचिव लवप्रकाश देवांगन, सलाहकार डॉ. रितेश कुमार जैन, प्रदेश संयोजक राकेश लहरें, प्रदेश उपाध्यक्ष सरगुजा संभाग संतोष यादव, बिलासपुर संभाग उपाध्यक्ष नितेश कौशिक, सुश्री सुमन चंदेल, सुश्री अंजनी भगत, सुरेंद्र नेताम, एजाज़ अंसारी, सुधीर यादव, इस्तियाक अहमद, पावक सिंह, अजमेर सिंह पैकरा सहित कई फार्मासिस्ट उपस्थित रहे।


🩺 फार्मासिस्ट — दवाओं की सुरक्षा का प्रहरी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पंकज मसीह ने कहा —

“आज जब नई-नई दवाइयाँ लगातार बाजार में आ रही हैं, तब उनकी सुरक्षा, प्रभावशीलता और दुष्प्रभावों की पहचान में फार्मासिस्ट की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।”

उन्होंने बताया कि फार्मासिस्ट न केवल दवाओं के सुरक्षित उपयोग की जानकारी देता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि दवाओं को उचित तापमान, नमी और रोशनी से बचाकर रखा जाए।


💊 दवाओं का सही रख-रखाव क्यों ज़रूरी

प्रदेश उपाध्यक्ष सुश्री वंदना देवांगन ने कहा —

“गलत तापमान या वातावरण में रखी गई दवाइयाँ अपनी असरकारिता (Efficacy) खो सकती हैं या हानिकारक बन सकती हैं। ऐसे में फार्मासिस्ट की जिम्मेदारी है कि वह हर दवा को सही परिस्थितियों में सुरक्षित रखे।”

उन्होंने कहा कि मरीजों को दवाओं के सही उपयोग, समय और मात्रा की जानकारी देना फार्मासिस्ट का कर्तव्य है, जिससे गलत सेवन या दुष्प्रभाव की संभावना कम हो जाती है।


🔍 दवा देने से पहले आवश्यक जांच

बैठक में दवा वितरण से पूर्व निम्न बातों की जांच पर विशेष जोर दिया गया –

  1. मरीज का नाम और आयु
  2. डॉक्टर की पर्ची की सत्यता
  3. दवा की expiry date और batch number
  4. सही डोज़ और फॉर्म (टैबलेट, इंजेक्शन, सिरप आदि)
  5. मरीज की एलर्जी या पुरानी बीमारी की जानकारी

⚠️ एडवर्स ड्रग रिएक्शन (ADR) की पहचान

फार्मासिस्ट Adverse Drug Reactions (ADR) की पहचान और रिपोर्टिंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

“कभी-कभी दवाइयाँ अपने इच्छित असर के साथ अनचाहे या हानिकारक प्रभाव भी दिखा सकती हैं। ऐसे मामलों को पहचानकर रिपोर्ट करना मरीजों की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।”



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