छत्तीसगढ़ के जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ पूरा मामला है भिलाई-3, दुर्ग: भिलाई-3 में स्थापित कोर्ट हाल ही में बने न्यायालय भवन से लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वर्तमान में वहां जज की लगातार अनुपस्थिति न्यायिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।लोगों को न्याय देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, लेकिन यहां न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। कोर्ट में नियुक्त जज की लगातार अनुपस्थिति के चलते आवेदिका और अनावेदक दोनों पक्षों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, जब जज उपस्थित नहीं होते, तो कोर्ट से संबंधित फाइलें अपराह्न 3 बजे के आसपास ही दुर्ग कोर्ट भेज दी जाती हैं, जबकि समयानुसार यह प्रक्रिया शाम 5 बजे के बाद की जानी चाहिए। इससे न सिर्फ पक्षकारों को असुविधा होती है, बल्कि न्याय मिलने में भी अनावश्यक देरी होती है।
एक ऐसा ही मामला सामने आया जब जज अभिनव डहरिया की अनुपस्थिति में केस की फाइल निर्धारित समय से पूर्व दुर्ग कोर्ट भेज दी गई और अनावेदिका की अनुपस्थिति दर्ज कर दी गई, जबकि वह समय से कोर्ट परिसर में मौजूद थी। इससे अनावेदिका को न केवल मानसिक तनाव झेलना पड़ा, बल्कि उसे फिर से केस की तारीख लेने की प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ा। जबकि अनावेदिका ने बताया कि उसको झूठे केस में फंसा कर परेशान किया जा रहा वह हर बार रायपुर से भिलाई 3 कोर्ट उपस्थित होती है।
स्थानीय अधिवक्ताओं और पक्षकारों ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए न्याय विभाग से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि भविष्य में किसी को ऐसी असुविधा न हो और न्याय प्रणाली पर लोगों का विश्वास बना रहे।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, न्यायाधीश अभिनव डहरिया की गैरमौजूदगी में कोर्ट की फाइलें तय समय से पहले यानी दोपहर 3 बजे के आसपास ही दुर्ग कोर्ट भेज दी जाती हैं, जबकि नियमानुसार यह प्रक्रिया शाम 5 बजे के बाद की जानी चाहिए। इससे कई बार उपस्थित पक्षकारों की अनुपस्थिति दर्ज कर दी जाती है, जिससे उन्हें न केवल मानसिक तनाव बल्कि दोबारा तारीख लेने की परेशानी भी उठानी पड़ती है। जल्दी ही न्याय विभाग को उचित व्यवस्था की मांग करने की तैयारी की गई है।
स्थानीय अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास कमजोर पड़ेगा और उन्हें बार-बार भटकना पड़ेग