छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के बांकी मोंगरा थाना क्षेत्र में 7 जून 2025 को एक आदिवासी किसान बलवंत सिंह कंवर के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। इस घटना में भाजपा नेत्री और पूर्व नगर पालिका सदस्य ज्योति महंत, अमन सिंह राजपूत, और मुकेश राणा पर मारपीट, अपहरण, और धमकी देने का आरोप लगा है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ 8 जून को विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है।
घटना का विवरण
पीड़ित किसान बलवंत सिंह कंवर ने बताया कि वह अपने भाई चंद्रशेखर और मामा रंजीत के साथ हरदीबाजार में बैल खरीदने गया था। रावणभाटा के पास ज्योति महंत, अमन सिंह राजपूत, और मुकेश राणा ने उसे रोका। आरोप है कि ज्योति महंत ने सड़क पर साइड न देने को लेकर बलवंत को गालियां दीं और सड़क पर लेटाकर उसकी पिटाई की। इसके बाद आरोपियों ने उसे जबरन बाइक पर बिठाकर बांकी मोंगरा थाना ले गए, जहां थाना परिसर में भी उसकी पिटाई की गई। पीड़ित का कहना है कि ज्योति महंत ने पुलिस और सरकार से रसूख की धौंस दिखाते हुए उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी दी और 4,000 रुपये भी वसूल लिए।
वायरल वीडियो और विवाद
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें ज्योति महंत को किसान को पीटते और अपशब्द कहते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में वह कहती हैं, “माफी क्यों मांगा, अगर गाली नहीं दी तो? औरत जात को मजाक बना रखा है… रोड किसकी है… मरना है तो मर जा, मुझे फर्क नहीं पड़ता।” इस वीडियो ने स्थानीय लोगों और आदिवासी समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया। X पर कई पोस्ट में इसे “सत्ता का नशा” और “आदिवासी अस्मिता पर हमला” करार दिया गया।
प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
कोरबा पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के निर्देश पर 8 जून को ज्योति महंत, अमन सिंह राजपूत, और मुकेश राणा के खिलाफ IPC की धारा 351(2) (मारपीट), 352 (जबरन वसूली), 351(3) (अपहरण), और 351(5) (धमकी) के तहत FIR दर्ज की गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
रामपुर के भाजपा विधायक फूलसिंह राठिया ने कोरबा SP को पत्र लिखकर इस घटना पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “थाना परिसर में पुलिस की मौजूदगी में एक आदिवासी किसान के साथ ऐसी घटना शर्मनाक है। मैं स्वयं एक आदिवासी विधायक हूं और इस घटना से आहत हूं। ज्योति महंत को न शासन का डर है, न प्रशासन का। उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो।” X पर भी इस घटना की कड़ी निंदा हुई, जिसमें कांग्रेस की युवा इकाई और अन्य उपयोगकर्ताओं ने इसे “शर्मनाक” बताया।
सामाजिक और राजनीतिक माहौल
यह घटना कोरबा में आदिवासी समुदाय के बीच तनाव का कारण बन गई है। वायरल वीडियो ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया है, जिसमें विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। आदिवासी संगठनों ने इसे आदिवासी अस्मिता पर हमला बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस बीच, ज्योति महंत का कहना है कि बलवंत ने उन्हें गाली दी थी, जिसके कारण विवाद हुआ। हालांकि, पीड़ित ने इससे इनकार किया और कहा कि वह फोन पर बात कर रहा था।