रायपुर -छत्तीसगढ़ के अम्बेडकर अस्पताल रायपुर की अव्यवस्थित दवा वितरण प्रणाली से मरीजो को भारी परेशानी झेलना पड़ रहा है। फार्मासिस्ट के अभाव के चलते पर्ची जमा करने के 13 से 15 दिन बाद भी पूरी दवा नहीं मिल रही है, जिससे विशेष रूप से हाइपरटेंशन, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की स्थिति और गंभीर हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, इन बीमारियों में नियमित दवा बेहद जरूरी होती है, ऐसे में इतनी देर से दवा मिलना मरीजों की सेहत से खिलवाड़ है।
अम्बेडकर में नहीं मिल रही जरूरी दवाइयां,
मरीज़ और उसके परिजनों ने बताया कि अस्पताल में दी जाने वाली सभी दवाएं जेनेरिक होती हैं, इसके बावजूद फार्मासिस्ट की मनमानी जारी है। उनका आरोप है कि फार्मासिस्ट की कमी है और जो फार्मासिस्ट वहां मौजूद होते है वे पहले अपने जान-पहचान वालों को प्राथमिकता देते है जबकि अन्य मरीजों को दवाइयों के लिए लंबा समय/दिनों तक इंतजार करना पड़ता है।
अम्बेडकर अस्पताल में दवा वितरण व्यवस्था खराब,
शिकायत करने पर गार्ड वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने नहीं देते और मरीजों को टालने की कोशिश की जाती है। बुजुर्गों को अक्सर अस्पताल परिसर में बहस करते देखा जा सकता है। अस्पताल में मरीजों को दवाइयों के अभाव में दर्द और शारीरिक पीड़ा से जूझना पड़ रहा है।
सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, पर्ची जमा करने के 2 से 3 दिन बाद दवा मिलनी चाहिए, लेकिन अस्पताल में इस नियम की अनदेखी हो रही है। दवा वितरण में देरी हो रही है जिसके लिए मरीजों ने दवा वितरण प्रणाली में तत्काल सुधार की मांग की है, ताकि दूरदराज से आने वाले मरीजों को राहत मिल सके और सही समय पर इलाज़ के साथ दवाइयां मिल सके जिससे उनको राहत हो।
बाहर से दवाइयां खरीदने को मरीज मजबूर
अस्पताल में दवाइयों के अभाव और देरी से दवाइयां मिलने से मरीजों को जांच और इलाज़ के बाद भी राहत नहीं यह बहुत बड़ी समस्या हैं ऐसे में ग़रीब परिवार के मरीज जो अपना इलाज़ करवाने अम्बेडकर अस्पताल आ रहे अब उनका भरोसा उठते जा रहा यहां की दवा वितरण प्रणाली से !!